जुबिली न्यूज डेस्क
वृंदावन के विश्व प्रसिद्ध ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ लगती है, जिसके कारण रोजाना श्रद्धालु बेहोश भी होते हैं। ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार ने मंदिर में सुधार के लिए एक कॉरिडोर बनाने की योजना बनाई थी, जिसकी शुरुआत कई साल पहले हुई थी। हालांकि इस योजना के खिलाफ कई बार धरना और विरोध प्रदर्शन हो चुके थे, और मामला कोर्ट तक भी पहुंचा था। अब, सरकार ने बजट में ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के लिए 150 करोड़ रुपये का ऐलान किया है, जिसके बाद कॉरिडोर को लेकर चर्चाएं फिर से तेज हो गई हैं।

150 करोड़ का बजट और उसकी योजना
सरकार की ओर से 150 करोड़ रुपये का बजट कॉरिडोर निर्माण के लिए निर्धारित किया गया है, जिसमें मंदिर के कॉरिडोर का निर्माण, सौंदर्यीकरण और अन्य सुविधाएं शामिल हैं। इसमें 100 करोड़ रुपये का बजट जमीन अधिग्रहण के लिए और 50 करोड़ रुपये मंदिर के सौंदर्यीकरण के लिए खर्च किए जाएंगे। हालांकि, इस ऐलान के बाद ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के गोस्वामी और व्यापारियों ने अपनी असहमति जताई है।
विरोध और असंतोष
बांके बिहारी व्यापार समिति के अध्यक्ष नीरज गौतम ने कहा कि वे विकास के पक्षधर हैं, लेकिन सरकार को विनाश से बचने की अपील की। उनका कहना था कि कॉरिडोर से भीड़ नियंत्रण की समस्या का समाधान नहीं होगा, जैसा कि अयोध्या और काशी में चौड़ी सड़कें होने के बावजूद भीड़ रहती है।
वहीं, व्यापारी नारायण अग्रवाल ने कहा कि सरकार विकास कर सकती है, लेकिन गरीबों और व्यापारियों का ध्यान रखना भी जरूरी है, क्योंकि उनकी रोजी-रोटी इन दुकानों पर निर्भर है। यदि दुकानों को नुकसान होगा, तो वे कहां जाएंगे?
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गोस्वामी समाज का विरोध
ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के सेवक अशोक गोस्वामी ने कहा कि सरकार पिछले तीन साल से कॉरिडोर बनाने की बात कर रही है, लेकिन इसका लगातार विरोध हो रहा है। अब, सरकार द्वारा 150 करोड़ रुपये की घोषणा के बाद, गोस्वामी समाज ने अपनी जमीन देने से इंकार कर दिया है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर कॉरिडोर का निर्माण हुआ, तो वे इसके खिलाफ ठोस कदम उठाएंगे।
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