Monday - 8 January 2024 - 3:41 PM

यूपी में पैराशूट के सहारे जमीन खोज रही है कांग्रेस

स्पेशल डेस्क

लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने कमर कस ली है। दिल्ली की सत्ता हासिल करने के लिए जहां एक ओर बीजेपी एक बार फिर चुनाव जीतने का दावा कर रही है तो दूसरी ओर कांग्रेस अपनी खोयी हुई साख को दोबारा हासिल करने के लिए लगातार बदलाव कर रही है। राष्ट्रीय स्तर पर बीजेपी और अन्य दलों के बागियों को कांग्रेस हाथों हाथ ले रही है।

कांग्रेस ने बीजेपी के बागियों को दिया टिकट

कीर्ति आजाद से लेकर शत्रुघ्न सिन्हा दो ऐसे चेहरे थे जिन्होंने हाल के दिनों में बीजेपी के नाक में दम कर दिया था। इससे पहले कि ये दोनों को लेकर बीजेपी कोई फैसला लेती उससे पहले कांग्रेस ने इन्हें अपने पाले में कर लिया और चुनावी मैदान में बीजेपी के खिलाफ उतराने की तैयारी में है।

ये बात हुई राष्ट्रीय स्तर की लेकिन यूपी में यही हाल है। कांग्रेस यूपी में हवा हो चुकी है लेकिन दोबारा उसे खड़ा करने के लिए कांग्रेस ने कुछ चौंकाने वाले फैसले लिये हैं। सावित्री बाई फूले से लेकर रमाकांत यादव पर आंख बंद कर कांग्रेस दांव लगा रही है केवल इसलिए क्योंकि उसे पता है इन नेताओं में लडऩे की क्षमता है और लोकसभा चुनाव में ये जीत दिला सकते हैं।

इन नेताओं ने बीजेपी या अन्य दलों को छोड़ थामा कांग्रेस का हाथ

राकेश सचान :फतेहपुर से सपा के पूर्व सांसद राकेश सचान ने अखिलेश से किनारा कांग्रेस से हाथ मिला लिया है। उन्हें भी कांग्रेस ने बगैर देर किये फतेहपुर से चुनावी मैदान में उतार दिया है।

कैसर जहां : बीएसपी के पूर्व सांसद कैसर ने कांग्रेस में इंट्री कर ली है। हालांकि यह अभी तय नहीं है कि उन्हें कांग्रेस टिकट देंगी या नहीं।

राज किशोर : अखिलेश सरकार में मंत्री रहे राज किशोर ने भी सपा से किनारा कर लिया। उन्हें सपा ने टिकट नहीं दिया तो इसके बाद कांग्रेस के साथ जा मिले हैं। कांग्रेस ने बस्ती से चुनावी मैदान में उतारने का फैसला किया है।

अशोक दोहरे : बीजेपी के सांसद रहे अशोक दोहरे इस बार कांग्रेस के सिंबल पर इटावा से ताल ठोंकते नजर आयेंगे। उन्होंने साफ कर दिया है कि बीजेपी ने उन्हें उचित सम्मान नहीं मिला जिसके बाद उन्होंने कांग्रेस का रूख किया है।

बाल कुमार पटेल : 2009 में मीरजापुर सीट से एसपी के टिकट पर चुनाव जीतकर लोकसभा में दाखिल होने वाले बाल कुमार इस बार कांग्रेस का दामन थाम लिया है। उन्हें कांग्रेस ने बांदा ने अपना उम्मीदवार बनाया है।

यूपी में शून्य हो चुकी कांग्रेस प्रियंका का सहारा

इतना ही नहीं बीजेपी को रोकने के लिए एकाएक प्रियंका गांधी की इंट्री करायी गई है। शून्य हो चुकी कांग्रेस को अब इस बात एहसास है कि अगर उसने इस बार अच्छा प्रदर्शन नहीं किया तो उसके लिए आगे की राह और कठिन हो जाएगी।

यूपी में कांग्रेस का वजूद न के बराबर है। विधान सभा चुनाव से लेकर लोकसभा चुनाव तक उसकी हालत खस्ता होती चली गई है। प्रियंका के आने के बाद यूपी में कांग्रेस में फिर से नई ऊर्जा देखने को मिल रही है।

रणनीति के तहत पैराशूट कैंडिडेट पर दांव लगा रही है कांग्रेस

कांग्रेस ने पूरी रणनीति के तहत लोकसभा चुनाव के लिए ऐसे प्रत्याशियों को उतार रहा है जो बीजेपी या फिर सपा से किनारा कर चुके हैं लेकिन खास बात यह है इन नेताओं का जनाधार अच्छा-खासा है। इस तरह से देखा जाये तो कांग्रेस पैराशूट कैंडिडेट पर दांव लगाती दिख रही है।

बीजेपी छोड़ कांग्रेस में आये रमाकांत यादव कांग्रेस की तरफ से चुनावी मैदान में भदोही से ताल ठोंकते नजर आयेंगे जबकि हरियाणा के रोहतक से दीपेंद्र हुड्डा, अंबाला से कुमारी शैलजा और सीरसा से अशोक तंवर को कांग्रेस ने चुनावी मैदान में उतारा है।

उधर मोहलाल गंज से कांग्रेस ने बड़ा बदलाव करते हुए आरके चौधरी को टिकट दिया है। वहीं दूसरी ओर अखिलेश सरकार में मंत्री रहे राज किशोर सिंह को कांग्रेस ने बस्ती से चुनावी मैदान में उतारने का फैसला किया है।

यूपी में कांग्रेस ने बाबू सिंह का कुशवाहा की पार्टी से मिलाया हाथ

सपा-बसपा ने जब कांग्रेस को ज्यादा भाव यूपी में नहीं दिया तो उसने छोटे-छोटे दलों से अपना गठजोड़ कर लिया। इसी के तहत कृष्णा पटेल की अपना दल के बाद अब पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा की पार्टी जनअधिकार पार्टी के साथ तालमेल बैठाने के लिए गठबंधन किया है।

माना जा रहा है कि जन अधिकारी पार्टी का प्रत्याशी कांग्रेस के सिंबल पर चुनावी दंगल में ताल ठोंकता नजर आयेगा।

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