Tuesday - 16 January 2024 - 2:43 PM

पैंगोंग झील से पीछे हटने लगी सेना

जुबिली न्यूज़ डेस्क 

भारत और चीन के बीच बनी सहमति के अनुसार अगले हफ्ते तक लद्दाख के पैंगोंग त्सो झील से सैनिक वापस बुला लिए जाएंगे। सैटलाइट तस्वीरों से यह पता लग रहा है कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी इस क्षेत्र से तेजी से वापस लौट रही है। सैटलाइट तस्वीरों में झील के उत्तरी किनारे से चीन के भारी वाहनों की आवाजाही में तेजी देखी गई है।

शुक्रवार को साउथ ब्लॉक (जहां रक्षा, विदेश मंत्रालय और पीएमओ-एनएसए ऑफिस है) में इस प्रक्रिया की समीक्षा हुई। भारतीय सेना के टॉप ऑफिसरों ने सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया पर संतोष जाहिर किया। 10 फरवरी से शुरू हुई यह प्रक्रिया 19 फरवरी तक पूरी हो सकती है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘मैं समझता हूं कि इस दिशा में अच्छी प्रगति हो रही है। पीएलए सहमति से हुए समझौते के मुताबिक, बहुत तेजी से पीछे हट रहा है।’

समझौते के मुताबिक, चीन अपनी सेना की टुकड़ी को नॉर्थ बैंक में फिंगर 8 के पूर्व में रखेगा और भारतीय सेना फिंगर 3 पर धन सिंह थापा पोस्ट पर वापस लौटेगी। फिंगर 4 से 8 के बीच का पूरा इलाका डिमिलिटराइज्ड रहेगा। यहां पट्रोलिंग को लेकर बाद में कमांडर स्तर की वार्ता के दौरान फैसला लिया जाएगा।

पैंगोंग त्सो के दक्षिणी किनारे से चीन के मुख्य युद्धक टैंकों की वापसी के सबूत हैं। हालांकि, पूर्वी या मध्य इलाकों से चीनी सेना या उसके हथियारों की वापसी के कोई सबूत अब तक नहीं हैं।

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, पैंगोंग झील पर सैनिकों की हटने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद दोनों पक्ष गोगरा-हॉट स्प्रिंग और देपसंग में भी सैनिकों को हटाने के लिए वार्ता करेगा।

ladakh military disengagement

करीब 10 महीने तक जारी रहे गतिरोध के बाद सैनिकों के हटने से जहां एक तरफ भारतीय सेना संतुष्ट है तो वहीं, वे इस बात से भी अवगत हैं कि इस प्रक्रिया का मतलब शांति नहीं है।

फिलहाल दोनों देशों की सेनाओं को अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति पर लौटना है ताकि भविष्य में किसी सैन्य संघर्ष से बचा जा सके। एक वरिष्ठ मिलिटरी कमांडर ने बताया, ‘सैनिकों का पीछे हटना शांति स्थापित करने की पूरी प्रक्रिया का एक हिस्सा है।’

ये भी पढ़े:जर्मनी में भी सरकार से नाराज सैकड़ों किसान ट्रैक्टर लेकर पहुंच गए राजधानी बर्लिन

ये भी पढ़े: ब्रिटेन में भारतीय समुदाय के लोग क्यों नहीं लगवाना चाह रहे कोरोना का टीका

सैटलाइट तस्वीरों के जरिए सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पर हर दिन नजर रखी जाती है लेकिन भारतीय सेना के लिए बड़ी चिंता का विषय मार्च और जून में तिब्बत और शिनजियांग क्षेत्र में आयोजित होने वाले सैन्य अभ्यास के दौरान पीएलए के पश्चिमी थिएटर कमांड का रवैया है।

काराकोरम पास और शियादुल्लाह में पीएलए सैनिकों की तैनाती में कोई बदलाव नहीं आया है। इसके अलावा दौलत बेग ओल्दी सेक्टर में भी चीन की सेना अड़ी हुई है। यह एक बड़ी वजह है कि भारतीय सेना लद्दाख में चीनी सैनिकों के पीछे हटने वाले समझौते पर भरोसा तो कर रही है लेकिन जमीन पर स्थानीय चीनी कमांडरों के आक्रामक रवैये की वजह से वह हर कदम फूंक-फूंक कर रख रही है।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com