जुबिली न्यूज़ डेस्क
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित महिला स्व-सहायता समूहों के सदस्यों को लगभग 200 करोड़ रूपये बैंक कर्ज वितरित करेंगे।
मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित होने वाले इस मुख्य समारोह में 6 हजार से अधिक स्व–सहायता समूह सदस्य महिलाएं भाग लेंगी। प्रदेश के समस्त जिलों में ग्राम पंचायत स्तर पर समूह सदस्य कार्यक्रम में वर्चुअल शामिल होंगे।
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मुख्यमंत्री द्वारा इससे पहले भी वर्चुअल कार्यक्रमों में तीन बार सामूहिक ऋण वितरण स्व-सहायता समूहों को किया जा चुका है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज कुछ जिलों के समूह सदस्यों से वीडियो कॉन्फ्रेन्स के माध्यम से सीधा संवाद भी करेंगे। समारोह में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया एवं राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल भी उपस्थित रहेंगे।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा कोरोना काल में ग्रामीण परिवारों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने के लिये लॉकडाउन के समय से लगातार वर्चुअल कार्यक्रम आयोजित कर हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा रहा है।
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इस मिशन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत निर्धन परिवारों की महिला सदस्यों को स्व-सहायता समूहों से जोड़कर उनका सामाजिक एवं आर्थिक सशक्तिकरण किया जा रहा है।
आमतौर पर देखने में आता है कि ग्रामीण क्षेत्र में लोग बैंकिंग सेवाओं की प्रक्रियाओं में दस्तावेजीकरण व अन्य औपचारिकताओं की कठिनाई के कारण पात्र होने के बावजूद विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने से वंचित रह जाते हैं।
राज्य सरकार द्वारा इस प्रक्रिया को और सरल करने के उद्देश्य से बैंकों के साथ भी व्यापक स्तर पर समन्वय स्थापित कर स्व-सहायता समूहों के लिये पर्याप्त बैंक ऋण आसानी से उपलब्ध कराने का संकल्प लिया गया है। इस क्रम में 20 सितम्बर, 23 नवम्बर 2020 और 8 जनवरी 2021 को मुख्यमंत्री द्वारा स्व-सहायता समूहों को बैंक ऋण वितरित किया जा चुका है।
समूहों के बैंक ऋण प्रकरण सॉफ्टवेयर के जरिये प्रस्तुत करने के साथ सघन निगरानी एवं पारदर्शी प्रक्रिया बनाई गई है। 2019- 20 में समूहों का वार्षिक बैंक ऋण वितरण का लक्ष्य 500 करोड़ रूपये था। 31 मार्च 2020 तक कुल 302 करोड़ का वितरण 44 हजार से अधिक समूहों को किया गया था।
2020-21 में समूहों का वार्षिक बैंक ऋण वितरण का लक्ष्य बढ़ाकर 1400 करोड़ से अधिक किया गया है। इसमें से अभी तक 1215 करोड़ का वितरण 90 हजार से अधिक समूहों को किया जा चुका है। स्व-सहायता समूहों को ऑनलाइन प्रकरण प्रस्तुत करने एवं स्वीकृत करने में प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है।
अब तक आजीविका मिशन के माध्यम से 36 लाख 53 हजार से अधिक ग्रामीण निर्धन परिवारों को 3 लाख 22 हजार से अधिक स्व-सहायता समूहों से जोड़कर 2616 करोड़ रुपये बैंक ऋण के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान की गई है।
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