जुबिली स्पेशल डेस्क मौजूद समय में हर कोई सोशल मीडिया से जुड़ा रहना पसंद करता है। आलम तो यह है कि सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों देश-विदेश की जानकारी फौरन मिल जाती है। इस वजह से लोग सोशल मीडिया को ज्यादा पसंद करते हैं। इतना ही नहीं लोग सोशल …
Read More »लिट्फेस्ट
दिलीप कुमार : जिसने मिटा दी रील और रीयलिटी की लकीर
शबाहत हुसैन विजेता ट्रेजिडी किंग यानी दिलीप कुमार यानी यूसुफ खान. फ़िल्मी दुनिया में सिर्फ अपना मुकाम नहीं बनाया बल्कि कहना चाहिए कि फ़िल्मी दुनिया को इज्जत बख्शने का काम किया. एक्टिंग और रियलिटी के बीच की लकीर को मिटा देने वाले का नाम है दिलीप कुमार. आज उनकी सालगिरह …
Read More »नहीं रहे मंगलेश डबराल
जुबिली न्यूज़ डेस्क नई दिल्ली. सुप्रसिद्ध लेखक, कवि और पत्रकार मंगलेश डबराल का ह्रदय गति रुक जाने से निधन हो गया. वह 71 साल के थे. टिहरी-गढ़वाल में पैदा हुए मंगलेश डबराल के पांच कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं. जनसत्ता और अमृत प्रभात के अलावा सहारा समय में भी उन्होंने …
Read More »‘फॉरेस्ट गम्प’ सिर्फ एक फिल्म नहीं, ये ज़िंदगी का सबक है
दिनेश श्रीनेत जीवन ही जीवन को बड़ा बनाता है। जीने की सार्थकता जीवन के भीतर है, उसके बाहर नहीं। किसी धर्म में नहीं, किसी दर्शन में नहीं, किसी स्वर्ग-नर्क में नहीं। जीवन का अर्थ उसके विस्तार से ही निकलता है। टॉम हैंक्स अभिनीत और रॉबर्ट जमैकस द्वारा निर्देशित फिल्म …
Read More »मालविका हरिओम की ये 2 लाजवाब गज़ले
फिलहाल के दौर में तेजी से अपनी पहचान बना रहीं लखनऊ की शायरा मालविका हरिओम की गज़ल में जिंदगी की जद्दोजहद के साथ साथ मन की भावनाएं भी बखूबी झलकती हैं। जुबिली पोस्ट अपने पाठकों के लिए साहित्यकारों की इस नई पीढ़ी की रचनाएं लगातार प्रस्तुत करता रहा है। इसी …
Read More »दीवारों पर खूबसूरत पेंटिंग्स इसलिए बना रही थीं लड़कियां
प्रमुख संवाददाता लखनऊ. हाईकोर्ट के पास दीवारों पर खूबसूरत पेंटिंग्स बनाते कलाकार सड़क पर गुजरने वालों के आकर्षण का केन्द्र बन गए. यह कलाकार पेंटिंग भी बना रहे थे और हैशतैग्स के साथ समाज को सन्देश भी देते जा रहे थे. महिला अधिकारों और महिला सशक्तिकरण का सन्देश देती इन …
Read More »हैप्पी बर्थडे शेखर कपूर : जिसने बालीवुड से हालीवुड तक डंका बजाया
जुबिली न्यूज़ डेस्क नई दिल्ली. छह दिसम्बर की तारीख अयोध्या के साथ जुड़ गई है. यह तारीख सामने आती है तो ज़ेहन में बाबरी मस्जिद पर चढ़ी कारसेवकों की भीड़ नजर आती है लेकिन इस तारीख की एक और मायने में बड़ी अहमियत है. छह दिसम्बर को फ़िल्मी दुनिया की …
Read More »किसान आंदोलन ने तो कवियों और शायरों को भी जगा दिया है
शबाहत हुसैन विजेता पूस के महीने की ठंडी रातों में भी दिल्ली के चारों तरफ किसान आंदोलन की गर्मी सभी को महसूस हो रही है। दिल्ली जाने वाली हर सड़क पर किसानों का डेरा है। जब सत्ता इस आंदोलन को सियासी कुचक्रों में फँसाने के लिए पैंतरे चल रही है …
Read More »किसानों के बहाने सत्ता की हकीकत बता रही है देवेन्द्र आर्य की गज़ल
देश में चल रहे किसान आंदोलन ने कवियों को भी छुआ है । गजलगो देवेन्द्र आर्य ने वर्तमान माहौल पर एक सचेत साहित्यकार की तरह हमेशा ही टिप्पणी की है । उनकी इन गज़लों में भी आप इसे महसूस कर सकते हैं। गोरखपुर में रहने वाले देवेन्द्र आर्य अपनी हिन्दी गज़लों …
Read More »‘यादों’ को नई पहचान देने वाले शायर डॉ. बशीर बद्र की याददाश्त गुम
उत्कर्ष सिन्हा “उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो, न जाने किस गली में ज़िंदगी की शाम हो जाए .” ये मशहूर शेर कहने वाला मकबूल शायर फिलहाल अपनी याददाश्त से ही जंग लड़ रहा है। हम बात कर रहे हैं इस दौर के सबसे बड़े शायर बशीर बद्र …
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