प्रीति सिंह गृहिणियों की आय की गणना उनके काम, श्रम और बलिदान के आधार पर होनी चाहिए। घर में किसी महिला के काम करने की अहमियत दफ्तर जाने वाले उसके पति की तुलना में किसी भी मायने में कम नहीं है। यह टिप्पणी देश के शीर्ष अदालत की है। अदालत …
Read More »जुबिली डिबेट
दुनिया के बड़े बैंक भी हैं प्लास्टिक प्रदूषण के ज़िम्मेदार
डॉ.सीमा जावेद आज जारी बैंकरोलिंग प्लास्टिक्स रिपोर्ट से पता चलता है कि दुनिया के सबसे बड़े बैंक प्लास्टिक प्रदूषण के संकट के लिए सह-जिम्मेदार हैं. वह अपने ग्राहकों की नाराजगी को अनदेखा कर रहें हैं. यह पहली बार है जब वैश्विक बैंकों द्वारा प्लास्टिक आपूर्ति श्रृंखला को प्रदान किए गए …
Read More »जाते-जाते अमेरिकी लोकतंत्र पर ट्रंप ने पोत दी कालिख
कुमार भवेश चंद्र अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को तो जाना ही था। इसी महीने की 20 जनवरी को उनके हाथ से सत्ता का हस्तांतरण तय है। डेमोक्रेट जो बाइडेन को देश ने अपना नया राष्ट्रपति चुना है। वे अमेरिका में नया अध्याय लिखने के लिए तैयार भी हैं। लेकिन इससे पहले …
Read More »खामोश! गैंगरेप ही तो हुआ है, ये रूटीन है रूटीन
शबाहत हुसैन विजेता लखनऊ. बदायूं फिर चर्चा में है. फिर एक महिला की इज्जत तार-तार की गई है. इज्जत लूटने के बाद उसकी साँसों की डोर भी तोड़ दी गई है. पुलिस एक बार फिर भाग-दौड़ में लगी है. अपराधी भी पहचान लिए गए हैं. सियासी अखाड़ों में जोश काफी …
Read More »भारतीय राजनीति में इस साल बिखरेंगे पांच चुनावी रंग
प्रीति सिंह पिछले साल बिहार में हुए चुनाव के बाद एक बात तो समझ में आ गया कि इस देश में चुनाव से बढ़कर कुछ नहीं है। चाहे महामारी हो या आपदा इस देश में चुनाव को कोई प्रभावित नहीं कर सकता। कोरोना महामारी के बीच जिस तरह बिहार चुनाव …
Read More »देशभक्ति के संदर्भ में गांधी दर्शन को प्रासंगिक मानते हैं भागवत
कृष्णमोहन झा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत हमेशा ही अपनी इस बात पर अडिग रहे हैं कि भारत की पवित्र भूमि पर जन्म लेने वाला हर व्यक्ति हिंदू है और हिंदुत्व एक जीवन पद्धति है जो एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। संघ प्रमुख ने समय समय पर …
Read More »40 दिनों में 60 मौतें और प्रधानमंत्री की खामोशी, ये दाग अच्छे नहीं हैं
डॉ. उत्कर्ष सिन्हा बीते साल की 26 नवंबर को जब दिल्ली के इर्द गिर्द किसानों ने डेरा जमाना शुरू किया था , तब से अब तक 40 दिन बीत चुके हैं। दिल्ली के किनारों पर सिंघू, गाजीपुर और टिकरी बार्डर पर जुटे किसानों की तादाद हर रोज बढ़ रही है। …
Read More »डंके की चोट पर : इकाना से सीमान्त गांधी तक जारी है अटल सियासत
शबाहत हुसैन विजेता वैक्सीन में सुअर की चर्बी है. वैक्सीन में गाय का खून है. वैक्सीन भाजपा की है. वैक्सीन बिहार के लोगों को फ्री में मिलेगी. इस तरह के राजनीतिक बयानों के पीछे का सच जो भी हो लेकिन इस तरह की बयानबाजी के बीच राजनीति अपना रास्ता किस …
Read More »खुशहाली का फार्मूला :भारत अब अफगानिस्तान से मुकाबिल है!
के पी सिंह सूचकांक से किसी देश और समाज की प्रगति को नापने में बड़ा झमेला है। आर्थिक विकास दर और मानव विकास सूचकांक भी जब अधूरे पाये गये तो खुशहाली सूचकांक तय किया गया । मानव विकास सूचकांक में तो भारत फिसडडी था ही ( 2020 की इस रैकिंग …
Read More »भारत, कोरोना वैक्सीन और नया स्ट्रेन
डॉ. प्रशांत राय कोरोना वायरस की कुछ वैक्सीन आ जाने के बाद से पूरी दुनिया ने राहत की सांस ली है, लेकिन कोरोना वायरस के नये स्ट्रेन ने चिंता भी बढ़ा दी है। यूरोप के कई देशों समेत अमेरिका में कोरोना का टीकाकरण शुरु हो चुका है। यह निश्चित ही …
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