Sunday - 1 June 2025 - 10:09 AM

जुबिली डिबेट

राष्ट्रवाद के समकालीन भारतीय सन्दर्भ

श्रीश पाठक जैसे मनोविज्ञान के लिए मन, अर्थशास्त्र के अर्थ, भौतिकी के लिए पदार्थ, भूगोल के लिए पृथ्वी और समाजशास्त्र के लिए समाज सर्वाधिक महत्वपूर्ण है, वैसे ही राजनीति शास्त्र के लिए राज्य की संकल्पना सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। जीवन की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एवं सर्वांगीण विकास के …

Read More »

राम मंदिर : जी हां यह प्रतीक्षा करो और देखो का समय है….

कृष्णमोहन झा सर्वोच्च न्यायालय ने रामजन्म भूमि बाबरी, मस्जिद विवाद को मध्यस्थता के जरिए सुलझाने की नई पहल की है। सर्वोच्च न्यायालय ने संबधित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा था कि बाबर ने जो किया है, उस पर हमारा नियंत्रण नहीं था। अब हमारी कोशिश विवाद को सुलझाने की …

Read More »

यादव वोट बैंक : जागरूक, ताकतवर और दांव-पेच में माहिर!

राजेन्द्र कुमार यूपी में यादव समाज पिछड़ों के नव सामंत हैं। यूं कहें, यादव समाज यूपी में पिछड़े वर्ग का सबसे आक्रमक और दबंग वोट बैंक है । गैर कांग्रेसवाद का जनक है, जिसमें अपने अधिकारों के लिए कुछ भी करने का माद्दा है। जोड़तोड़ में माहिर है। कभी खेती …

Read More »

दुर्भाग्यपूर्ण है सेना के पराक्रम का प्रमाण मांगना

डा. रवीन्द्र अरजरिया विश्व के सबसे बडे लोकतंत्र में चुनावी बिगुल बजते ही राजनैतिक आरोपों-प्रत्यारोपों का दौर तेज हो गया है। सत्ताधारी पार्टी पर विपक्ष ने एक जुट होकर हमला बोलना शुरू कर दिया है। राष्ट्र की एकता, अखण्डता और संप्रभुता की कीमत पर भी वोट बटोरने की चालें तेज …

Read More »

पोस्ट पुलवामा : परसेप्शन प्रोपेगैंडा-2

डॉ. श्रीश पाठक  पुलवामा के ठीक बारहवें दिन मोदी सरकार ने जो करारा जवाब दिया वह बेहद माकूल था। जबकि सभी लोग कयास लगा रहे थे कि मोदी सरकार एलओसी के पार के आतंकी अड्डों को सर्जिकल स्ट्राइक वर्जन टू करके जवाब देगी या जैश के मुख्य कार्यालय पर हवाई …

Read More »

पाक पर प्रहार से बढ़त बनाने की कोशिश में NDA

  कृष्णमोहन झा देश के विभिन्न राजनीतिक दलों को कुछ समय से यह चिंता सता रही थी कि पुलवामा में हुए आतंकी हमले से उपजी परिस्थितियों का बहाना बनाकर मोदी सरकार आगामी लोकसभा चुनाव की तारीखों को आगे बढ़ा सकती है, परंतु अब उनकी सभी आशंकाओं पर विराम लग चुका …

Read More »

राष्ट्रवाद की हवा से मिटाई जा रही है गन्ना किसानों, आवारा जानवरों की हाय

रश्मि शर्मा फिज़ाओं में बारुद घुला है, मुट्ठियां तनी हैं और बदले की आग को हर रोज हवा दी जा रही है। इन सबके बीच विमर्श से किसान गायब हो गए हैं। वहीं, किसान जिसकी बदहाली के मुद्दे पर अभी कुछ दिन पहले राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में भारतीय जनता …

Read More »

चीन के नाम पर क्यों नहीं जागती देशभक्ति

नदीम एस अख्तर चीन ने जैश चीफ मसूद अजहर को यूएन में बैन करने से लगातार तीसरी बार रोका। क्या बीजेपी, एनडीए के केंद्रीय मंत्री और पीएम अब सार्वजनिक रूप से चीन को आतंकवादियों का संरक्षक घोषित करेंगे? क्या चीन के हुक्मरानों को गरियाएंगे? क्या चीन के सामानों का भारत …

Read More »

पोस्ट पुलवामा: परसेप्शन प्रोपेगैंडा-1

डॉ. श्रीश पाठक  पिछले कुछ दिनों से सुबह-सुबह अखबार बेहद बेचैनी से खोले गए और पढ़े गए। बीते पिछले तीन हफ्ते देश-दुनिया और मीडिया के लिए बेहद घटनापूर्ण रहे हैं। इंटरनेट, सोशल मीडिया व ग्लोबल मीडिया की बढ़ती पहुँच ने इस बीच सूचनाओं का जो अंबार लगाया, उससे कई बार …

Read More »

सेना के शौर्य पर सियासी लाभ उठाना सही नहीं

सुधांशु त्रिपाठी हमारे लिए आज की शाम बेहद खास रही। भारतीय सेना में 36 साल तक कार्य चुके सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर अमृत कपूर से आत्मीय मुलाकात हुई। ब्रिगेडियर कूपर से मिलने के बाद कोई भी हिन्दुस्तानी उनकी बेबाकी, साफगोई और स्पष्टवादिता का कायल हो जाएगा। उन्होंने अपने परिचय के दौरान बताया …

Read More »
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com