जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. तीन कृषि क़ानून रद्द हो जाने के बावजूद दिल्ली बार्डर पर आंदोलित किसानों के घर न लौटने के फैसले के बाद केन्द्र सरकार का रुख थोड़ा और नर्म हुआ है. सरकार ने तय किया है कि आन्दोलन के दौरान किसानों पर दर्ज किये गए सभी मामले वापस लिए जायेंगे. संयुक्त किसान मोर्चा के मुताबिक़ सरकार आन्दोलन के दौरान मरने वाले किसानों को मुआवजा देने पर भी तैयार हो गई है. यह मुआवजा पंजाब सरकार की तर्ज़ पर दिया जा सकता है.
पंजाब सरकार ने आन्दोलन में मरने वाले किसानों को पांच लाख रुपये मुआवजा देने का फैसला किया है. जानकारी मिली है कि उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकार भी मुआवजा देने के लिए तैयार हो गई हैं. इस सम्बन्ध में अभी सरकार की तरफ से कोई अधिकृत बयान नहीं आया है. सरकार से बात कर रही संयुक्त किसान मोर्चा की समिति के मुताबिक़ बातचीत सकारात्मक रास्ते पर है और सरकार किसानों की मांगों पर सहमत है.

संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि किसानों की पांच सदस्यीय समिति के साथ सरकार की बातचीत सकारात्मक रही है. किसानों की मांगों पर सरकार का रुख लचीला है. किसानों की कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और गृहमंत्री अमित शाह से बातचीत हुई है.
किसानों ने मंत्रियों से मुलाक़ात से पहले सिन्धु बार्डर पर अपनी बैठक कर अपनी उन मांगों पर विचार विमर्श किया जिन पर सरकार के साथ बातचीत की जानी थी. इस बैठक में बनी आम राय के बाद किसानों ने सरकार के साथ बातचीत की.
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