जुबिली न्यूज़ डेस्क
देश में कोरोना वायरस के मामले 77 लाख से अधिक पहुंच गये हैं। इस बीच कोरोना वैक्सीन को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। वैसे तो दुनियाभर में कोरोना वायरस की वैक्सीन के लिए शोध किये जा रहे हैं। भारतीय कंपनी बायोटेक भी कोरोना वैक्सीन ‘कोवैक्सिन’ पर काम कर रही है। इस कंपनी के तीसरे ट्रायल को मंजूरी ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की तरफ से मिल गयी है।
वहीं अब कंपनी का कहना है कि कोरोना वायरस की यह स्वदेशी वैक्सीन अगले साल यानी 2021 के जून तक लॉन्च होने की पूरी संभावनाएं हैं। कंपनी ने बीती 2 अक्टूबर को डीसीजीआई में आवेदन कर टीके के तीसरे चरण के लिए परीक्षण करने की अनुमति मांगी थी। तीसरे चरण में कंपनी की योजना है कि 12 से 14 राज्यों के करीब 20,000 से अधिक लोगों को इस ट्रायल में शामिल किया जाए।

वैक्सीन को लेकर कंपनी के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर साई प्रसाद का कहना है कि अगर सभी तरह की अनुमति कंपनी को ठीक समय पर मिल गईं तो ऐसे में संभावना है कि 2021 की दूसरी तिमाही तक वैक्सीन के तीसरे क्लीनिकल ट्रायल की सभी क्षमताओं और नतीजों के बारे में हमें पता चल जाएगा।
आईसीएमआर के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के सहयोग से विकसित कोवैक्सिन एक ऐ सा टीका है, जिसमें शक्तिशाली इम्यून सिस्टम विकसित करने के लिए कोरोना वायरस के ‘मारे गए विषाणुओं’ को शरीर में इंजेक्ट किया जाता है।
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दूसरी ओर भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया भी कोरोना वायरस संक्रमण की वैक्सीन ‘कोवीशील्ड’ बना रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि उसका कार्य भारत बायोटेक से आगे चल रहा है। बताया जा रहा है कि सीरम इंस्टीट्यूट ने तीसरे चरण के ट्रायल के लिए लोगों की चुनाव करना शुरू कर दिया है।
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भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर साई प्रसाद ने कहा, ‘हम अपने सभी चरण -1, चरण -2 और चरण -3 क्लीनिकल ट्रायल को पूरी तरह से करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।लेकिन ऐसा लगता है कि सरकार आपातकालीन उपयोग की मंजूरी पर भी विचार कर सकती है।’
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