Thursday - 18 January 2024 - 3:03 PM

सोनिया के सामने भिड़े वरिष्‍ठ कांग्रेसी नेता, बंगाल चुनाव के बाद चुनेंगे नया अध्‍यक्ष

जुबिली न्‍यूज डेस्‍क

कांग्रेस में फैसले लेने वाली सबसे बड़ी कमिटी कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक जारी है। नए अध्यक्ष के चुनाव को लेकर देश की यह सबसे पुरानी पार्टी दो खेमों में बंटी हुई है। शुक्रवार को बैठक के दौरान कांग्रेस की यह कलह एक बार फिर सतह पर आ गई।

टीवी रिपोर्ट्स के मुताबिक सोनिया गांधी के सामने ही वरिष्ठ कांग्रेस नेता आनंद शर्मा और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आपस में उलझ पड़े। टीवी रिपोर्ट्स के मुताबिक CWC की बैठक में कांग्रेस नेता अशोक गहलोत और आनंद शर्मा के बीच तीखी बहस हुई।

बताया जा रहा है कि अशोक गहलोत ने आनंद शर्मा पर भड़कते हुए कहा कि आप हर 6 महीने में अध्यक्ष का चुनाव मांगते हैं, क्या आपको पार्टी के नेतृत्व पर भरोसा नहीं है। इस पर पार्टी की वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी को बीच-बचाव करना पड़ा। उन्होंने दोनों को टोकते हुए कहा कि वे ज्यादा भावुक न हों। तो वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बागियों पर भड़क गए. अशोक गहलोत ने कहा कि चुनाव की इतनी जल्दी क्यों हैं, क्या नेताओं को सोनिया गांधी के नेतृत्व पर भरोसा नहीं है?

इसके बाद कांग्रेस के नए अध्यक्ष के चुनाव को बंगाल चुनाव तक टाल दिया गया।  कांग्रेस को जून 2021 तक अपना नया अध्यक्ष मिल जाएगा। सूत्रों की माने तो कांग्रेस कार्य समिति (सीडल्यूसी) की बैठक में आज संगठन के चुनाव, किसान आंदोलन और कुछ अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई।

वरिष्ठ नेता मधुसूधन मिस्त्री की अध्यक्षता वाले केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण ने कांग्रेस अध्यक्ष समेत संगठन का चुनाव तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल, असम और पुडुचेरी के विधानसभा चुनाव के बाद मई में कराने का प्रस्ताव रखा गया। चुनाव प्राधिकरण ने 29 मई को अधिवेशन कराए जाने की भी पेशकश की है।

सूत्रों के मुताबिक बैठक में मौजूदा किसान आंदोलन को लेकर आगे की रणनीति पर चर्चा हुई। इस दौरान अर्नब गोस्वामी के वायरल वॉट्सऐप चैट को लेकर भी सोनिया गांधी ने अपना गुस्सा जाहिर किया।

CWC की बैठक में किसानों के मामले पर एक प्रस्ताव पारित किया गया। कोरोना वैक्सीन के लिए वैज्ञानिकों को धन्यवाद देने और लोगों से टीका लगवाने के लिए आगे आने की अपील करते हुए भी एक प्रस्ताव पास किया गया। इसके अलावा इस बैठक में सीडब्ल्यूसी ने अर्नब गोस्वामी की व्हाट्सएप चैट लीक को राष्ट्रीय सुरक्षा भंग करने का आरोप लगाया है और इसकी संयुक्त संसदीय समिति(जेपीसी) की जांच में प्रस्ताव भी पारित हुआ।

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कांग्रेस वर्किंग कमिटी (CWC) की बैठक को संबोधित करते हुए अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। सोनिया गांधी ने कहा कि किसानों के मुद्दे पर सरकार का घमंड और असंवेदनशीलता साफ नजर आ रही है। सोनिया गांधी ने कहा कि नए कृषि कानूनों को जल्दबाजी में लागू किया गया, इस पर संसद में सही तरीके से चर्चा तक नहीं की गई।

कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक में सोनिया गांधी ने ने रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अरनब गोस्वामी की कथित वॉट्सएप चैट का हवाला देते हुए शुक्रवार को कहा कि दूसरों को देशभक्ति और राष्ट्रवाद का प्रमाणपत्र बांटने वाले अब पूरी तरह बेनकाब हो गए हैं।

सोनिया गांधी ने कहा, ‘एक सप्ताह में संसद सत्र आरंभ होने जा रहा है। यह बजट सत्र है, लेकिन जनहित के कई ऐसे मुद्दे हैं जिन पर पूरी तरह चर्चा किए जाने की जरूरत है। क्या सरकार इस पर सहमत होती है, यह देखना होगा। इसके अलावा अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि सरकार निजीकरण की हड़बड़ी में है।

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कांग्रेस में पार्टी नेतृत्व को लेकर बीते साल 23 सीनियर नेताओं ने सोनिया गांधी को एक चिट्ठी भी लिखी थी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व में ये पत्र लिखा गया था। इन नेताओं में कपिल सिब्बल और आनंद शर्मा सरीखे नेता भी शामिल थे। इस ‘लेटर बम’ के बाद कांग्रेस में भूचाल आ गया था जिसके बाद आनन फानन में CWC की बैठक बुलाई गई और असहमत नेताओं को शांत करने के लिए एक कमिटी बनाई गई थी।

‘लेटर बम’ के बाद सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई बैठक में गांधी परिवार के करीबी नेताओं ने एक बार फिर राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की मांग की थी। हालांकि खुद राहुल गांधी इससे इनकार करते रहे। सोनिया गांधी ने नाराज नेताओं को मनाने के लिए जो कमिटी बनाई थी उसमें पूर्व पीएम मनमोहन सिंह भी शामिल थे।

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कांग्रेस नेता कपिल सिब्ब्ल ने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को लेकर अपनी नाराजगी फिर से जाहिर की। उन्होंने कहा कि संगठनात्मक बदलाव की मांग को लेकर 23 नेताओं ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी, उनसे मुलाकात की। इसके बावजूद आंतरिक चुनाव को लेकर अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं हुआ है। स्थिति जस की तस बनी हुई है। सिब्बल ने कहा कि सोनिया गांधी ने इस पर खुली चर्चा की थी लेकिन आंतरिक चुनाव के लेकर अबतक कोई रेस्पॉन्स नहीं आया है और न ही ये पता है कि यह कब और कैसे होगा।

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वहीं, अंदरखाने खबर यह भी आ रही है कि अगर राहुल गांधी फिर से कांग्रेस अध्यक्ष बनने से मना करते हैं तो अशोक गहलोत को कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जा सकती है। इस बात की संभावना इसलिए भी जताई जा रही है क्योंकि गहलोत गांधी परिवार के बेहद करीबी और विश्वसनीय हैं। राजस्थान में मुख्यमंत्री बनाने के लिए भी उनको सचिन पायलट पर तरजीह दी गई थी।

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