Wednesday - 17 January 2024 - 5:00 PM

चुनाव के बीच मोदी और मायावती के मिले सुर

न्‍यूज डेस्‍क 

लोकसभा चुनाव के बीच एक दूसरे पर हमलावर पीएम नरेंद्र मोदी और बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती का अलवर गैंगरेप को लेकर कांग्रेस सरकार पर हमला बोला है।

राजस्थान के अलवर में पति के सामने महिला की गैंगरेप की घटना से दुखी पीएम नरेंद्र मोदी ने आरोपियों को पकड़ने में हुई देरी को लेकर कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है। उन्‍होंने गाजीपुर में एक चुनावी रैली को दौरान कहा कि

इनके रागदरबारी भी इतने भयंकर कांड को दबाते रहे और मोमबत्तियां लेकर निकलने वाले लोगों की मोमबत्तियों से धुआं निकल रहा है। ये जो अवॉर्ड वापसी गैंग थी, मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि अलवर की बेटी के साथ बलात्कार होने पर भी आपकी गैंग चुप क्यों बैठी है। हमारी सरकार ने बलात्कार जैसे जघन्य अपराध के लिए फांसी तक की सजा का प्रावधान किया है। महिला हितों और महिलाओं की सुरक्षा के प्रति हम पूरी तरह संवेदनशील हैं।

वहीं, बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि दोषियों को फांसी पर लटका देना चाहिए। मायावती ने कहा है कि अलवर गैंगरेप केस के दोषियों को अंतिम सांस तक फांसी की सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने इस मामले में कांग्रेस सरकार पर भी हमला बोला और है सुप्रीम कोर्ट से राज्य की कांग्रेस सरकार के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।

मायावती ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को राज्य की कांग्रेस सरकार, पुलिस और प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई करना चाहिए। यह मामला सिर्फ दलित से जुड़ा नहीं, बल्कि पूरी महिला जाति से जुड़ा है। मायावती ने कहा ,

‘राजस्थान की कांग्रेस सरकार अपने राजनैतिक स्वार्थ के लिए पीड़ित परिवार को धमका कर मामले को दबा रही है। इस अतिघृणित घटना को वहां की कांग्रेसी सरकार ने अपने राजनीतिक स्वार्थ में सबंधित पीड़ित परिवरा को डरा धमका के इसे तब तक वहां उजागर नहीं होने दिया जब तक वहां पर उस सीट के वोट नहीं पड़ गए। क्या ऐसे में वहां के कांग्रेसी सरकार के चलते उस दलित महिला को इंसाफ मिलेगा मैं समझती हूं.. नहीं।’

बताते चले कि राजस्थान के अलवर में सामूहिक बलात्कार पीड़िता की मदद के मामले में देरी कर रही पुलिस के खिलाफ राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। इस मामले की जांच में देरी को लेकर राजस्थान पुलिस पर सवाल उठ रहे हैं। घटना 26 अप्रैल की लेकिन एफआईआर 30 अप्रैल को दर्ज की गई और 7 दिन बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू हुई। आरोप है कि चुनाव के कारण पुलिस ने इसमें देरी की। अलवर में 6 मई को चुनाव हुए थे।

हालांकि, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लापरवाही के आरोप में एसपी और इलाक़े के एसएचओ का तबादला कर दिया है। मामले की जांच के लिए शुक्रवार को राष्ट्रीय एससी आयोग की टीम भी पहुंची थी, जिसने लापरवाही की बात मानी है और दोषी पुलिस अधिकारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की सिफ़ारिश की है।

 

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