जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधान परिषद चुनाव में नामांकन करने वाले सभी 13 उम्मीदवारों की जीत तय हो गई है. बीजेपी ने नौ और समाजवादी पार्टी ने चार उम्मीदवार मैदान में उतारे थे. 13 सीटों के लिए 13 उम्मीदवार ही मैदान में उतरे इसलिए सभी का निर्विरोध निर्वाचन तय हो गया है.
इस चुनाव में अगर बीजेपी दसवां या फिर समाजवादी पार्टी ने पांचवां उम्मीदवार भी मैदान में उतार दिया होता तो 20 जून को मतदान कराना पड़ता, लेकिन क्योंकि अतिरिक्त उम्मीदवार मैदान में आया ही नहीं तो निर्विरोध निर्वाचन तय हो गया.
इस विधानपरिषद चुनाव में बीजेपी ने विधानसभा चुनाव हार जाने वाले उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या को विधानपरिषद के लिए नामांकन कराया था तो समाजवादी पार्टी ने बीजेपी छोड़कर सपा में आये स्वामी प्रसाद मौर्या को विधान परिषद भेजने का फैसला किया. स्वामी प्रसाद मौर्या भी विधानसभा चुनाव हार गए थे.

बीजेपी ने अपने राज्यमंत्री दानिश आज़ाद अंसारी, दया शंकर मिश्र दयालु, मुकेश शर्मा, बनवारी लाल दोहरे, चौधरी भूपेन्द्र सिंह, जसवंत सैनी और जे.पी.एस. राठौर को नामांकन करवाया था.
बनवारी लाल दोहरे को बीजेपी इसलिए एमएलसी बना रही है क्योंकि उन्होंने असीम अरुण के लिए अपनी कन्नौज सीट छोड़ दी थी. इसी तरह करहल से अखिलेश यादव के लिए सीट छोड़ने वाले सोबरन सिंह यादव के पुत्र मुकुल यादव उर्फ़ अंशुल को समाजवादी पार्टी ने विधानपरिषद का टिकट दिया.
इस चुनाव में सभी को खुश करने की कोशिश बीजेपी ने भी की और समाजवादी पार्टी ने भी. बड़ी बात यह है कि मतदान के बगैर ही सभी निर्विरोध एमएलसी बन जायेंगे.
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