Friday - 19 January 2024 - 1:19 AM

गरीबों के बारे में बोलना क्या गुनाह है?

 

न्यूज़ डेस्क

कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देश में 14 अप्रैल तक लॉक डाउन लागू है और आज इसका 19वां दिन है। लॉक डाउन होने के वजह से हजारों गरीब लोग के सामने दो वक्त की रोटी जुटाने की समस्या हो गयी है। हालाकिं यूपी की योगी सरकार का दावा है कि वो समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुँच कर उसकी मदद कर रही है।

वहीं दूसरी ओर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने यूपी सरकार से सवाल किया है कि जिनके पेट में दाना नहीं, घर में खाना नहीं, ऐसे गरीबों के बारे में बोलना क्या गुनाह है?

अखिलेश ने कहा कि समाजवादी पार्टी कोरोना संक्रमण रोकने के लिए लागू लॉकडाउन का शत-प्रतिशत पालन कर रही है। एडवाइजरी का पालन करते हुए हमारे कार्यकर्ता पीड़ितों, जरूरतमंदों की सहायता में जुटे हुए हैं।

संकट काल में भी सपा लोकतांत्रिक व्यवस्था में अपनी जिम्मेदारी से मुंह नहीं मोड़ सकती है। उन्होंने सवाल किया कि जिनके पेट में दाना नहीं, घर में खाना नहीं, ऐसे गरीबों के बारे में बोलना क्या गुनाह है?

अखिलेश ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा कि सपा सदैव सकारात्मक और रचनात्मक आलोचना की पक्षधर रही है। सरकार से क्या यह नहीं पूछना चाहिए कि किसानों, बेरोजगारों, महिलाओं, नौजवानों और प्रभावित वर्ग के लिए क्या राहत कार्य किए जा रहे हैं ?

लॉकडाउन की लंबी अवधि से घरों में कैद बच्चों और बुजुर्गों की क्या हालत है? जनता को कहां, किन स्थितियों से गुजरना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे सुझाव-शिकायतें टीम इलेवन के काम को अधिक सुसंगत बनाने के लिए होती हैं।

अवध विवि के कुलपति की टिप्पणी पर एतराज

सपा अध्यक्ष ने कहा कि डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, अयोध्या के कुलपति ने आपत्तिजनक टिप्पणी की है। सत्ता के दुरुपयोग का प्रमाण यह है कि भाजपा के तथाकथित बुद्धिजीवियों का गैंग सपा और उसके नेतृत्व की छवि खराब करने की नीयत से अनर्गल आरोप लगाता रहा है। लोकतंत्र में इसे स्वस्थ परंपरा नहीं कहा जा सकता है।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com