जुबिली न्यूज डेस्क
लखनऊ। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) से निष्कासित विधायक राकेश प्रताप सिंह ने पार्टी से निकाले जाने के फैसले का स्वागत करते हुए तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि सपा को उनसे तकलीफ इसीलिए थी क्योंकि वह सत्य बोलते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वह बहुत पहले ही इस्तीफा देना चाहते थे लेकिन उनकी जनता और कार्यकर्ताओं ने उन्हें ऐसा करने से रोका।
“मुझे देर से निकाला गया, क्यों देरी की गई
गौरीगंज से विधायक राकेश प्रताप सिंह ने कहा,“मुझे पार्टी से देर से निकाला गया। क्यों देर की गई, इसका जवाब वही लोग दे सकते हैं जिन्होंने यह फैसला लिया। मैं इस निर्णय का स्वागत करता हूं क्योंकि मैं पहले दिन से ही सत्य के पक्ष में खड़ा था और रहूंगा।”उन्होंने कहा कि सपा को सत्य से दिक्कत है और इसीलिए पार्टी ने खुद को उनसे अलग कर लिया।
रामायण जलाने की घटना पर उठाई थी आवाज, तभी हो गए थे बागी
राकेश प्रताप सिंह ने बताया कि वह उसी दिन से सपा से बागी हो गए थे जब रामायण जलाने और फाड़ने की घटना हुई थी।“उस दिन मैंने सपा कार्यालय जाना बंद कर दिया। जहां भगवान राम के दर्शन पर रोक लगे, वहां जाना मेरे लिए अस्वीकार्य है।”उन्होंने स्पष्ट कहा कि राम के नाम और दर्शन पर प्रतिबंध जैसी मानसिकता से वह कभी सहमत नहीं हो सकते।
“अनुग्रह की ज़रूरत सपा को है, मुझे नहीं”
सपा की ओर से दी गई “अनुग्रह अवधि” (Grace Period) को लेकर कटाक्ष करते हुए राकेश ने कहा,“अनुग्रह की आवश्यकता समाजवादी पार्टी को है, मुझे नहीं। राजनीति विचार और कर्म से चलती है, सांत्वना से नहीं।”उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को भगवान राम सद्बुद्धि दें ताकि वे सत्य बोलने वालों को पहचान सकें।
“राज्यसभा उम्मीदवारों ने वोट तक नहीं मांगा”
राकेश प्रताप सिंह उन आठ विधायकों में से एक हैं जिन्होंने राज्यसभा चुनाव में बीजेपी के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की थी। इस पर उन्होंने कहा:“राज्यसभा उम्मीदवारों ने न कोई संवाद किया, न वोट मांगा। जया बच्चन को पांच बार भेजा गया, लेकिन पार्टी को एक वोट भी नहीं बढ़ा। कार्यकर्ताओं से फोटो खिंचवाने तक पर डांट देती हैं।”उन्होंने कहा कि विधायकों को सिर्फ आदेश थमा दिया गया, संवाद नहीं किया गया — यही हिटलरशाही है।
“नेता से मिलना लोकतंत्र है, अपराध नहीं”
दिल्ली में विभिन्न दलों के नेताओं से मुलाकात पर उठते सवालों पर उन्होंने कहा:“अगर मुलायम सिंह यादव, प्रधानमंत्री मोदी के कान में कुछ कहें तो क्या उन्हें भी निकाल दिया जाएगा? अगर विधायक विकास के लिए किसी मंत्री से मिले तो क्या उसे भी सज़ा दी जाएगी?”उन्होंने अखिलेश यादव पर लोकतंत्र को खत्म करने का आरोप लगाया।
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BJP में शामिल होने के संकेत?
जब राकेश प्रताप सिंह से यह पूछा गया कि क्या वह भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल होने जा रहे हैं, तो उन्होंने दो टूक जवाब दिया:“क्या अब राम और राष्ट्र की बात सिर्फ बीजेपी ही करेगी? मैं जहां भी राम के अस्तित्व और सनातन धर्म की बात होगी, वहां खड़ा रहूंगा।”हालांकि उन्होंने कहा कि अंतिम निर्णय वे गौरीगंज की जनता और अपने समर्थकों से बातचीत के बाद लेंगे।
जनता तय करेगी भविष्य की दिशा
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वे कोई भी राजनीतिक फैसला अपनी जनता की सहमति से ही लेंगे।“मैं इस्तीफा देना चाहता था, लेकिन जनता ने रोका। अब एक बार फिर मैं जनता और कार्यकर्ताओं से राय लूंगा — वही तय करेंगे कि मुझे क्या करना है।”
BJP में शामिल होने की संभावना प्रबल
राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि राकेश प्रताप सिंह सहित अन्य निष्कासित विधायक जल्द ही बीजेपी में शामिल हो सकते हैं।हाल ही में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के साथ उनकी नजदीकियां और राम के मुद्दे पर लगातार बयान
इसे संकेत माना जा रहा है।