
लखनऊ डेस्क
लखनऊ के बिरला ओपन माइंडस इंटरनेशनल स्कूल की ओर से 17 मार्च को एक टॉक शो आयोजन किया गया। इस आयोजन में मॉडल, पर्यावरणविद मिस एशिया पैसिफिक,मशहूर अभिनेत्री दीया मिर्जा मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुई।
रविवार को फैजाबाद रोड स्थित बिरला ओपन माइंड्स इंटरनेशनल स्कूल में बच्चों को जोश से भरा देखा गया।
चेयरमैन मसूद उल हक़ ने कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुई अभिनेत्री को पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया। टॉक शो में दीया मिर्जा ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि सीखने की काई उम्र नहीं होती है ताउम्र आपको छोटी-छोटी चीजों से कुछ न कुछ सीखने को मिलता है। उन्होंने वहां मौजूद अभिभावकों से कहा कि जितना आप सीखेंगे आपके बच्चे भी उतना ही सीखेंगे।
पर्यावरण संरक्षण के प्रति बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा कि पर्यावरण नष्ट करने से उसका दुष्प्रभाव कहीं न कहीं हम लोगों पर ही पड़ेगा। इसलिए जरूरी है कि बच्चों को शुरूआत से ही प्रकृति से जोड़े। स्कूल की प्रिंसिपल दीया बैजल ने कहा कि छोटी सी उम्र में हुनर के पंखों से इन बच्चों ने अपनी प्रतिभा का बेहतरीन प्रर्दशन किया है।
बच्चों ने पेश किए रंगारंग कार्यक्रम कार्यक्रम में तीन से 11 साल के बच्चों ने रंगारंग प्रस्तुतियों को पेश कर सभी की वाहवाही लूटी। राजस्मृति की कहानी ने जहां एक ओर सभी को बांधे रखा वहीं बालीवुड के गानों पर डांस प्रस्तुतियों ने सभी का दिल जीत लिया।
इस अवसर पर दिया मिर्ज़ा ने जामबोरी चिल्ड्रेन्स कार्निवाल के जीते प्रतिभागियों को सम्मानित किया। महिलाओं को बोलना होगा ‘नो’महिला उत्पीड़न से बचने के लिए महिलाओं को आगे आना होगा उनको अपनी चुप्पी को तोड़ते हुए किसी भी तरह के उत्पीड़न के खिलाफ नो कहना होगा। क्योंकी जो गलत है वो गलत है और गलत के खिलाफ आवाज़ उठाना अच्छा होता है।
कामकाजी महिलाएं खुद को सुरक्षित तब कर पाएगी जब वो बेझिझक आगे बढ़ कर अपनी आवाज़ बुलंद करेंगी। उन्होंने अपने अपकमिंग प्रोजेक्ट के बारे में बताया कि मैं वेब सीरिज में बतौर अभिनेत्री और प्रोडूयसर काम कर रही हूं।
पर्यावरण को सुरक्षित करना है तो क्लाइमेट चेंज की बात हो वैदिक समय से ही पर्यावरण को लेकर तमाम बातें लिखी गई है। बचपन से लेकर मृत्यु तक हम पेड़, नदी संग पांचों तत्वों की पूजा करते हैं। लेकिन कहीं न कहीं लापरवाही और जल्दबाजी के कारण अनादर भी कर देते हैं।
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इन चीजों को लेकर अपनी सोच को बदलने की जरूरत है ताकि एक सेहतमंद वातावरण में रह सके। पर्यावरण को सुरक्षित रखना है तो क्लाइमेट चेंज के बारे में बात करनी होगी। जनसंख्या और उपभोग बढ़ा है इसलिए स्वच्छता में कहीं न कहीं कमी रह गई है। जिसके लिए सभी को आगे आकर काम करने की जरूरत है।
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