जुबिली स्पेशल डेस्क
बच्चों की जान लेने वाले कोल्ड्रिफ कफ सिरप को लेकर पूरे देश में हड़कंप मचा है। मध्य प्रदेश, राजस्थान और तमिलनाडु सहित कई राज्यों ने इसके बिक्री और वितरण पर रोक लगा दी है। अब तक इस सिरप के सेवन से कम से कम 21 बच्चों की मौत हो चुकी है।
केंद्रीय और राज्य सरकारों की प्रतिक्रिया
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 2 साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप न देने की एडवाइजरी जारी की है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश सरकारों को नोटिस भेजकर जांच का निर्देश दिया है और नकली दवाओं की बिक्री पर तत्काल प्रतिबंध लगाने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट में मामला
कोल्ड्रिफ कफ सिरप मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता ने दवा निर्माण, परीक्षण और वितरण की जांच पूर्व जज की निगरानी में कराने की मांग की है। साथ ही, बच्चों की मौत की सीबीआई जांच भी प्रस्तावित है।
तमिलनाडु में बड़ा खुलासा
तमिलनाडु सरकार ने 44 पेज की रिपोर्ट में बताया कि कोल्ड्रिफ बनाने वाली कंपनी श्रीसेन फार्मास्यूटिकल्स GMP (गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिसेज) का पालन नहीं कर रही थी। कंपनी ने गैर-फार्मास्यूटिकल ग्रेड प्रोपलीन ग्लाइकोल का उपयोग किया, जो विषैला था। फैक्ट्री में गंदगी, कीड़े-मकौड़े और ड्रेन सिस्टम की कमी पाई गई। इसके बाद सरकार ने फैक्ट्री का लाइसेंस तत्काल निलंबित कर दिया।
अन्य राज्यों की कार्रवाई
- महाराष्ट्र: एफडीए ने रेस्पिफ्रेश टीआर और रीलाइफ कफ सिरप पर बिक्री और वितरण रोक लगाई।
- पंजाब: फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर ने कोल्ड्रिफ सिरप पर बैन लगा दिया।
- केरल: स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने राज्य में बिक्री रोकने के लिए समिति का गठन किया।
- उत्तर प्रदेश: कोल्ड्रिफ की बिक्री रोकने के लिए कई जगह छापेमारी की गई।
मध्य प्रदेश और राजस्थान में स्थिति
मध्य प्रदेश में छिंदवाड़ा में 18, बैतूल में 2 और पंढुरना में 1 बच्चे की मौत हुई। राजस्थान में तीन बच्चों की जान कफ सिरप सेवन से गई।
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा, “यह बहुत दुखद है कि कई बच्चों ने अपनी जान गंवाई। हमारी सरकार ने कभी भी ऐसा कफ सिरप नहीं खरीदा और हम इस पर पूरी निगरानी रख रहे हैं।”