जुबिली स्पेशल डेस्क
मुंबई। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट) ने एक बार फिर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और बीजेपी पर तीखा हमला बोला है।
पार्टी के मुखपत्र सामना में प्रकाशित संपादकीय के जरिए संघ की विचारधारा और उसके योगदान पर सवाल उठाए गए। संपादकीय में सीधे तौर पर आरएसएस के “डीएनए” पर शोध की आवश्यकता बताई गई है।
संपादकीय में लिखा गया है कि स्वतंत्रता संग्राम और उसके बाद राष्ट्र निर्माण में संघ की कोई भूमिका नहीं रही। “भारत के स्वतंत्रता संग्राम की जरा-सी भी खरोंच संघ की प्रगति पर नहीं पड़ी है, इसके बावजूद आजादी और राष्ट्रवाद पर ये लोग भाषण देते हैं,” सामना में कहा गया।
शिवसेना (UBT) ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का शासन संघ के सपनों को पूरा करने की दिशा में काम कर रहा है। लेख में दावा किया गया कि संघ की धारणा देश की एकता को तोड़कर सहिष्णु हिंदुओं के बजाय कट्टर मानसिकता वाले हिंदुओं का शासन स्थापित करने की है।
संपादकीय में यह भी लिखा गया कि संघ का लक्ष्य भारत को “हिंदू पाकिस्तान” बनाने का है, जिसके लिए लोकतंत्र और संसद जैसी संस्थाओं को बलि चढ़ाने में भी संकोच नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही पड़ोसी देशों श्रीलंका, नेपाल और बांग्लादेश का जिक्र करते हुए चेतावनी दी गई कि वहां कट्टर राष्ट्रवाद और उग्र विचारधारा ने जिस तरह जनाक्रोश को जन्म दिया, वैसा ही भारत में भी हो सकता है।
संघ प्रमुख मोहन भागवत के विजयादशमी भाषण पर भी सवाल उठाते हुए सामना ने लिखा कि “भागवत ने इस बार भी कोई ठोस मार्गदर्शन नहीं दिया और केवल बीजेपी के सुर में सुर मिलाए।
” लेख के मुताबिक, भागवत को डर है कि जनता में बढ़ते असंतोष के कारण भारत में भी बड़े पैमाने पर आंदोलन खड़े हो सकते हैं।
केंद्र सरकार द्वारा संघ की स्थापना के 100 साल पूरे होने पर जारी किए गए डाक टिकट और विशेष सिक्के पर भी सवाल उठाए गए। सामना ने आरोप लगाया कि “संघ द्वारा गढ़ा गया भाजपा का सिक्का नकली और भ्रष्ट है। संघ ने मोदी-शाह जैसे तानाशाह खड़े किए और आज उनकी तानाशाही देश की गर्दन पर सवार है।”