जुबिली न्यूज डेस्क
लखनऊ | उत्तर प्रदेश में प्रशासनिक स्तर पर जल्द ही बड़े बदलाव की आहट है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार अब नौकरशाही में व्यापक फेरबदल की तैयारी में है। मुख्य सचिव से लेकर मंडलायुक्त और जिलाधिकारियों तक के तबादलों को लेकर मंथन तेज हो गया है। चर्चा है कि कई नए चेहरों की एंट्री हो सकती है, तो कुछ वरिष्ठ अधिकारियों को नई जिम्मेदारियां भी दी जा सकती हैं।
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह अगले महीने होंगे रिटायर
यूपी के मौजूदा मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह जुलाई में रिटायर होने वाले हैं। उनके भविष्य को लेकर दो तरह की अटकलें चल रही हैं:
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एक ओर, उनका कार्यकाल बढ़ाने की संभावना जताई जा रही है।
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वहीं दूसरी ओर, उनके स्थान पर नए मुख्य सचिव की नियुक्ति को लेकर भी चर्चाएं तेज हैं।
मुख्य सचिव पद की दौड़ में जिन नामों की सबसे ज़्यादा चर्चा हो रही है, उनमें एसपी गोयल, देवेश चतुर्वेदी और दीपक कुमार शामिल हैं।
अपर मुख्य सचिव से लेकर डीएम स्तर तक बदलाव की संभावना
प्रदेश में इस समय वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों की संख्या सीमित होने के कारण कई अधिकारी एक से अधिक विभागों का प्रभार संभाल रहे हैं।
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दीपक कुमार, जो अपर मुख्य सचिव (वित्त) हैं, उन्हें कृषि उत्पादन आयुक्त का प्रभार भी दिया गया है।
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इसके साथ ही वे माध्यमिक और बेसिक शिक्षा विभाग भी देख रहे हैं।
जितेंद्र कुमार, जो 1990 बैच के वरिष्ठ अधिकारी हैं, 30 जून को रिटायर हो रहे हैं। वे पुनर्गठन समन्वय, भाषा, राष्ट्रीय एकीकरण, और हिंदी संस्थान के निदेशक जैसे अहम पदों पर कार्यरत हैं। उनके रिटायरमेंट के बाद इन विभागों में या तो स्थायी नियुक्ति होगी या किसी वरिष्ठ अधिकारी को अतिरिक्त प्रभार दिया जाएगा।
मंडलायुक्त और डीएम भी रडार पर
शासन में बैठे सूत्रों के अनुसार, कुछ वरिष्ठ अधिकारियों को मंडलों में भेजे जाने की योजना भी बन रही है। जिलों में काम कर रहे कई डीएम और कमिश्नर को हटाकर नए अधिकारियों को मौका दिया जा सकता है।
अधिकारी स्तर पर प्रदर्शन, कार्यशैली और आगामी विधानसभा चुनाव 2027 की तैयारियों को देखते हुए यह बदलाव प्रशासनिक संतुलन के लिए अहम माने जा रहे हैं।
बताया जा रहा है कि अगर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहेंगे, तो मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह का कार्यकाल 6 महीने तक बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए प्रदेश सरकार जल्द ही केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने की तैयारी कर रही है।