जुबिली न्यूज डेस्क
लखनऊ | उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (BSP) की मुखिया मायावती ने गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस में विपक्षी दलों और कुछ दलित संगठनों पर तीखा हमला बोला। उन्होंने बिना नाम लिए नगीना से सांसद और आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद को आड़े हाथों लिया और कहा कि कुछ अवसरवादी नेता और संगठन बहुजन समाज को गुमराह कर रहे हैं।
बीएसपी को कमजोर करने की साजिश
मायावती ने कहा,“उत्तर प्रदेश में एक ही पार्टी अंबेडकरवादी है और वह है बसपा। लेकिन आज कुछ स्वार्थी और अवसरवादी संगठन दलित और पिछड़े वर्ग के वोटों को बांटने का प्रयास कर रहे हैं। इनका बहुजन समाज से कोई लेना-देना नहीं है।”
उन्होंने कहा कि कुछ दलित संगठन केवल बीएसपी को कमजोर करने के लिए बनाए गए हैं और यह सब विपक्षी जातिवादी पार्टियों के इशारे पर हो रहा है। ये संगठन मान्यवर कांशीराम और मेरा नाम लेकर लोगों को भ्रमित कर रहे हैं।
चुनाव में धांधली का भी आरोप, बैलेट पेपर से कराने की मांग
बसपा प्रमुख ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) पर भी सवाल उठाए और कहा,“हमारे उम्मीदवारों को जानबूझकर हराया जा रहा है। यदि देश में फिर से बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाएं तो बीएसपी के भी अच्छे दिन लौट सकते हैं।”
मायावती ने यह भी दावा किया कि कांग्रेस, बीजेपी और समाजवादी पार्टी जैसे बड़े दल बीएसपी को कमजोर करने के लिए साजिश कर रहे हैं और इनके समर्थन से ही ये छोटे दल और संगठन खड़े किए जा रहे हैं।
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पहलगाम आतंकी हमले और कोरोना पर भी दी प्रतिक्रिया
अपने संबोधन में मायावती ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर भी चिंता जताई और कहा कि इस गंभीर मसले पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर भी चिंता जताई और केंद्र सरकार से सख्त कदम उठाने की मांग की।