जुबिली न्यूज डेस्क
महाराष्ट्र विधान सभा में हुए फ्लोर टेस्ट में एकनाथ शिंदे के गुट ने बड़ी जीत हासिल कर ली है , मगर मराठा क्षत्रप शरद पवार ने इस सरकार के भविष्य पर एकबार फिर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है.
पवार ने कहा- ये सरकार महज 6-8 महीनो की मेहमान है और हमें महाराष्ट्र में मध्यावधि चुनावो के लिए तैयार रहना होगा. ऐसी सरकारों का भविष्य लम्बा नहीं होता.
महाराष्ट्र विशंसभा में सोमवार को हुए फ्लोर टेस्ट में शिंदे सरकार के पक्ष में 164 वोट पड़े और विपक्ष में 94 वोट पड़े.

पवार ने जो बात आज कही ठीक वही बात महाराष्ट्र के भाजपा नेता ढाई साल पहले तब कह रहे थे जब शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ गठबंधन सरकार बना ली थी. भाजपा के नारायण राने से ले कर रामदास अठावले सरीखे कई नेता अलग अलग तारीखों पर महाविकास आघाडी सरकार गिराने के दावे करते रहे थे.
महाराष्ट्र की राजनीति पर नज़र रखने वाले पवार के इस बयांन को अलग तरह से देख रहे हैं. उनका मानना है कि शरद पवार अपने पार्टी कार्यकर्ताओं के मनोबल को बनाए रखने के लिए ऐसे बयान दे रहे हैं.
बात इसलिए भी सच लगती है क्योंकि हालिया घटनाक्रम में शरद पवार की चाणक्य वाली छवि को धक्का लगा है. कुछ लोगो का यह भी मानना है कि भाजपा अब शरद पवार की पार्टी को भी तोड़ने का प्रयास कर सकती है.
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लेकिन दूसरी तरफ बागी विधायको के बीच भी एक बेचैनी है. शिंदे पर इस बात का बड़ा दबाव है कि वे जायदा से जयादा बागी विधायको को मंत्री पद दें, मगर भाजपा के गठबंधन में होने और उससे भी ज्यादा भाजपा के दबाव में होने के कारण शिंदे के लिए यह मुमकिन नहीं होगा, ऐसे में शिंदे गुट में टूट से भी इंकार नहीं किया जा सकता.
शरद पवार इस खेल के पुराने खिलाडी रहे हैं. 80 के दशक में उन्होंने कांग्रेस की सरकार से ठीक ऐसे ही गिराई थी और महाराष्ट्र के सीएम बन गए थे. पुराने कांग्रेसी आज भी इसे कांग्रेस के पीठ में छुरा भोकने के तौर पर याद करते हैं.
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