जुबिली न्यूज डेस्क
अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद से हर दिन स्थिति खराब होती जा रही है। अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था ढहने के कगार पर पहुंच गई है।
वहीं गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी कि लाखों अफगान नागरिक ‘मौत की कगार’ पर हैं। ऐसे में अफगानिस्तान की फ्रीज की गई संपत्ति को जल्द ही जारी करना जरूरी है।

यूएन ने अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था को ढहने से रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से 5 अरब डॉलर की मानवीय मदद में सहायता देने, अफगानिस्तान की फ्रीज की गई संपत्तियों को जारी करने और उसके बैंकिंग सिस्टम को शुरू करने की अपील की है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने मीडिया से बातचीत में कहा कि फ्रीज किए हुए पैसे अफगानिस्तान के लोगों के लिए जानलेवा हैं।
गुटेरेस नेे कहा कि पैसे को जीवन और अर्थव्यवस्था बचाने से रोकने वाले नियमों और शर्तों को आपात स्थिति में निलंबित कर देना चाहिए।
संयुक्त राष्ट ने कहा कि 87 लाख अफगान नागरिक भूखमरी की कगार पर हैं।
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संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था में तेजी से पैसा डालना जरूरी है ताकि मंदी से बचा जा सके जो लाखों लोगों में गरीबी और भुखमरी का कारण बन सकती है।
पिछले साल अगस्त में अमेरिकी और नेटो सेना की वापसी और तालिबान के कब्जे के बाद से देश की आर्थिक स्थिति खराब चल रही है।
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अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने अफगानिस्तान को आर्थिक मदद देना बंद कर दिया है। उसकी संपत्तियों को फ्रीज कर दिया गया है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय अफगानिस्तान में समावेशी सरकार बनाने, महिलाओं को अधिकार देने और मानवाधिकारों का पालन करने की मांग कर रहा है।
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