जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. तालिबान के कब्ज़े के बाद अफगानिस्तान के आर्थिक हालात बुरी तरह से चरमरा गए हैं. बड़ी संख्या में लोग अपनी जान बचाने के लिए देश से पलायन कर गए तो उससे भे बड़ी संख्या में अफगानिस्तान के लोग भुखमरी से जूझ रहे हैं.
तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्ज़ा तो जमा लिया है लेकिन अब उसके पास सरकार चलाने के लिए भी फंड नहीं है. ऐसे हालात में तालिबान ने अमेरिका से कहा है कि आर्थिक संकट का सामना कर रहे अफगानिस्तान का जो फ्रोजन फंड उसके पास है वह उसे रिलीज़ कर दे ताकि अफगानिस्तान को थोड़ी राहत मिल जाए.

अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी के नेतृत्व में अमरीकी प्रतिनिधिमंडल से हुई बैठक में तालिबान ने अमरीका से अफगानिस्तान पर लगाये गए प्रतिबंधों को हटाने, उसे ब्लैक लिस्ट से बाहर करने और अफगानिस्तान के जब्त पैसों को बिना शर्त लौटाने की बात कही है. इस बैठक में अफगानिस्तान के राजनीतिक, आर्थिक, स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षा के मुद्दों पर बातचीत हुई. इस बैठक में अफगानिस्तान के विदेश मंत्री ने अमेरिका से कहा कि बेहतर होगा कि अमेरिका मानवीय मुद्दों को राजनीतिक मुद्दों से अलग रखे.
दरअसल तालिबान ने जब काबुल पर कब्जा कर लिया था तब अमेरिका ने अफगानिस्तान के केन्द्रीय बैंक में जमा सात लाख 11 हज़ार 820 करोड़ रुपये की सम्पत्ति ज़ब्त कर ली थी. इसके अलावा आईएमएफ द्वारा जारी की जाने वाली 2550 करोड़ रुपये की सहायता भी रोक दी थी. तालिबान ने अमेरिका के सामने साफ़ कर दिया है कि अफगानिस्तान में आर्थिक हालात बहुत जर्जर स्थिति में हैं. सरकारी कर्मचारियों को कई महीनों से वेतन नहीं मिला है. अमेरिका ने इस बैठक में तालिबान से पूछा कि लड़कियों को स्कूल क्यों नहीं जाने दिया जा रहा है. इसके अलावा अफगानिस्तान में मानव अधिकार हनन के मामलों में भी काफी तेज़ी आई है.
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