जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विधान सभा चुनाव को लेकर बड़ा ऐलान किया है। दरअसल उन्होंने साफ कर दिया है कि वो उत्तर प्रदेश का अगला विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। हालांकि इस बयान के बाद में पार्टी के प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने इस बात का खंडन करते हुए कहा कि अखिलेश यादव इस बार चुनव लड़ेंगे या नहीं, यह पार्टी अभी तय करेगी। उन्होंने पिछला विधानसभा चुनाव भी नहीं लड़ा था।
इस दौरान अखिलेश यादव ने ये भी कहा है कि विधान सभा चुनाव में छोटी पार्टियों से गठबंधन कर चुनावी दंगल में उतरेगे। अखिलेश यादव ने कहा कि उनकी पार्टी और रालोद के साथ गठबंधन कर रही है और सीटा को लेकर बातचीत अंतिम चरण में है।
वहीं अखिलेश यादव ने अपनेचाचा शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया (पीएसपीएल) को लेकर भी बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि मुझे इसमें कोई समस्या नहीं है। उन्हें और उनके लोगों को उचित सम्मान दिया जाएगा।

हरदोई में अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर युवा सोच को न समझ पाने का तंज कसते हुए रविवार को कहा कि जो आज के युग में लैपटॉप और मोबाइल फोन भी चलाना न जाने वे युवाओं के हित की बात कैसे समझेंगे।
अखिलेश ने यहां समाजवादी विजय रथ के दूसरे चरण की यात्रा का आगाज करते हुये कहा युवा ही इस देश का भवष्यि हैं और युवाओं के मन की बात युवा सोच वाले लोग ही समझ सकते हैं।

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उन्होंने कटाक्ष किया, ‘अभी तक तो हम यह जानते थे कि हमारे मुख्यमंत्री लैपटॉप चलाना नहीं जानते , लेकिन अभी एक अधिकारी ने बताया कि वह मोबाइल भी चलाना नहीं जानते हैं। जरा, सोचो जो आज के जमाने में मोबाइल और लैपटॉप नहीं चला पाए वह नौजवानों की बात क्या समझेंगे?’
इससे पहले अखिलेश यादव ने सोमवार को एक ट्वीट कर बीजेपी सरकार को घेरा है। अखिलेश ने अपने ट्वीट में कहा है कि भाजपा ने दीवाली से पहले कामर्शियल गैस सिलेंडर के दाम बढ़ाकर 2000 पार करा दिये हैं। इससे पहले से ही बदहाली झेल रहे व्यापारी वर्ग को भाजपा ने दीवाली का ‘घातक तोहफ़ा’ दिया है। इस बार आम जनता और व्यापारी भाजपा का चूल्हा बुझा देंगे। यही नारा आज का नहीं चाहिए भाजपा

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बता दे कि विधानसभा चुनाव में अब बेहद कम वक्त रह गया है। सियासी हलचल लगातार तेज हो रही है। यूपी का रण जीतने के लिए बीजेपी से लेकर कांग्रेस ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।
हालांकि इस चुनाव में छोटे दलों की भूमिका भी अहम मानी जा रही है। अखिलेश यादव ने पहले ही ऐलान किया है वो छोटे दलों को लेकर चलेगे। दूसरी ओर कांग्रेस को लेकर बड़ी खबर आ रही है। दरअसल कांग्रेस का इस समय पूरा ध्यान राजनीतिक गठजोड़ और सियासी समीकरण पर लगा हुआ है।
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