जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया में गलत लिंक को क्लिक कर देने की वजह से IIT बाम्बे में इंजीनियरिंग में एडमिशन से चूक गए छात्र सिद्धांत बत्रा का एडमिशन करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि उसके आदेश को अंतिम आदेश समझा जाए.

उल्लेखनीय है कि आगरा निवासी छात्र सिद्धांत बत्रा ने IIT बाम्बे में इलेक्ट्रानिक इंजीनियरिंग में प्रवेश के लिए औपचारिकताएं ऑनलाइन पूरी कीं. इसी दौरान एक गलत लिंक क्लिक हो जाने से उसका नाम एडमिशन सूची से रिजेक्ट हो गया.
इंजीनियरिंग कालेज से इनकार सुनने के बाद छात्र ने बाम्बे हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया लेकिन बाम्बे हाईकोर्ट ने उसकी याचिका कालेज के इस तर्क को सुनने के बाद खारिज कर दी. हाईकोर्ट ने कहा कि जब कालेज अपनी प्रवेश प्रक्रिया पूरी कर चुका है और कालेज के पास सीट नहीं बची है तो वह कुछ नहीं कर सकते. छात्र को खुद भी प्रवेश प्रक्रिया के नियमों का पालन करना चाहिए था.
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बाम्बे हाईकोर्ट से निराश होने के बाद छात्र ने देश की सर्वोच्च अदालत का दरवाज़ा खटखटाया. जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस दिनेश महेश्वरी और जस्टिस ऋषिकेश रॉय की पीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान छात्र का एडमिशन करने के लिए न सिर्फ आईआईटी मुम्बई को आदेश जारी किया बल्कि बाम्बे हाईकोर्ट को भी नोटिस जारी करते हुए कहा कि यह शीर्ष अदालत का अंतिम निर्णय है.
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