जुबिली स्पेशल डेस्क
पटना। बिहार में गद्दी संभालने के दो दिन बाद ही नीतीश सरकार के कई मंत्रियों को लेकर सवाल है। शिक्षा मंत्री के तौर पर अपनी जिम्मेदारी निभाने को तैयार मेवालाल चौधरी को लेकर विपक्ष ने मोर्चा खोल दिया है।
आरजेडी ने मेवालाल चौधरी के बहाने राज्य सरकार पर निशाना साधा था और अब महाराष्ट्र में कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने मेवालाल चौधरी का एक ऐसा वीडियो शेयर कर दिया जिसको लेकर लेकर उनपर बड़ा सवाल उठना तय है।
वीडियो पर अगर गौर करे तो देखकर हर कोई चौधरी की योग्यता पर सवाल उठा सकता है। निरुपम ने अपने ट्विटर हैंडल पर वीडियो पोस्ट किया है।
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मेवालाल चौधरी पहले भागलपुर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति रह चुके हैं. निरुपम ने लिखा, कि ये बिहार के नए शिक्षा मंत्री हैं. कहते हैं, ये जनाब पहले किसी विश्वविद्यालय के वायस चांसलर थे।
राष्ट्रगान भी नहीं गा पाते. भ्रष्टाचार के संगीन आरोप इन पर हैं, सो अलग।भरतीय लोकतंत्र के इन पापों को कौन धोएगा ? हालांकि, हम इस बात की पुष्टि नहीं करते हैं कि वीडियो में नजर आ रहे शख्स शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी ही हैं।
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ये बिहार के नए शिक्षा मंत्री हैं।
कहते हैं, ये जनाब पहले किसी विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर थे।
राष्ट्रगान भी नहीं गा पाते।
भ्रष्टाचार के संगीन आरोप इन पर है,सो अलग।
भरतीय लोकतंत्र के इन पापों को कौन धोएगा ?pic.twitter.com/LRbaYVeutK— Sanjay Nirupam (@sanjaynirupam) November 18, 2020
इससे पूर्व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव ने नीतीश पर हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट किया कि तेजस्वी जहां पहली कैबिनेट में पहली कलम से 10 लाख नौकरियां देने को प्रतिबद्ध था वहीं नीतीश ने पहली कैबिनेट में नियुक्ति घोटाला करने वाले मेवालाल को मंत्री बना अपनी प्राथमिकता बता दिया।

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विडंबना देखिए जो भाजपाई कल तक मेवालाल को खोज रहे थे आज मेवा मिलने पर मौन धारण किए हैं। बता दें कि बिहार में महागठबंधन को 110 सीटें मिली थी और सरकार बनाने से चूक गई थी।
तेजस्वी जहाँ पहली कैबिनेट में पहली कलम से 10 लाख नौकरियाँ देने को प्रतिबद्ध था वहीं नीतीश ने पहली कैबिनेट में नियुक्ति घोटाला करने वाले मेवालाल को मंत्री बना अपनी प्राथमिकता बता दिया।
विडंबना देखिए जो भाजपाई कल तक मेवालाल को खोज रहे थे आज मेवा मिलने पर मौन धारण किए हैं। https://t.co/armjAXpwR4
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) November 18, 2020
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हालांकि इस बार नीतीश की पार्टी को उम्मीद के मुताबिक सीटें नहीं मिली है। इस वजह से नई सरकार में बीजेपी का रोल इस बार ज्यादा अहम माना जा रहा है।
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