जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। शिवपाल यादव इन दिनों सुर्खियों में है। दरअसल शिवपाल यादव अपने बयानों की वजह से चर्चा में है। उन्होंने कल अपनी पार्टी प्रसपा को लेकर बड़ा दावा किया है और बताया है आखिर क्यों उन्होंने अपनी अलग पार्टी बनायी।
उन्होंने कहा कि सपा से अलग होने के बाद बीजेपी में शामिल होने का प्रस्ताव मिला था। हालांकि उन्होंने इस प्रस्ताव को माना नहीं था और अपनी अलग पार्टी बनाना बेहतर समझा।
उन्होंने सोमवार को पत्रकारों से कहा, हालांकि, मैंने भाजपा में शामिल होने के बजाय अपनी पार्टी बनाना बेहतर समझा। यह बात तब की है जब उनकी अपने भतीजे और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ अनबन चल रही थी।

शिवपाल ने कहा कि उन्होंने महसूस किया कि उनकी खुद की पार्टी बनाने का निर्णय सही था, हालांकि कुछ लोग अभी भी उन्हें भाजपा की बी टीम बताते हैं। उन्होंने कहा, भाजपा की वर्तमान स्थिति सभी को पता है।
सत्तारूढ़ पार्टी चौतरफा विरोध का सामना कर रही है और सभी मोर्चे पर विफल साबित हुई है। शिवपाल यादव ने 2019 में सपा के साथ हुए बसपा के हुए गठबंधन को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा कि सपा-बसपा गठबंधन का परिणाम सभी ने देखा है और अब भाजपा-बसपा गठबंधन का परिणाम देखेंगे।
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शिवपाल यादव भले ही सपा से दूर हो लेकिन उनका सपा प्रेम कम होने का नाम नहीं ले रहा है। उन्होंने कई मौकों पर सपा के साथ जाने का इशारा जरूर दिया है लेकिन अभी तक उनकी पार्टी का सपा में विलय नहीं हुआ।
हालांकि शिवपाल यादव अब सपा से अलग होकर चुनावी दंगल में ताल ठोंकने का मन बना चुके है और उनकी पार्टी का सपा में विलय नहीं होगा। इस बात को शिवपाल कई मौकों बता चुके हैं।
सपा में विलय को लेकर हाल में शिवपाल यादव ने कहा था कि उनकी पार्टी का विलय नहीं होगा लेकिन सपा के साथ प्रसपा का गठबंधन हो सकता है।
हालांकि सपा ने अभी तक इसपर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। बता दें कि शिवपाल यादव की पार्टी प्रसपा इस समय यूपी की सियासत में अपना अलग मुकाम बनाने में जुटी हुई है।
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