जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. कोरोना का संक्रमण फैलने के बाद इससे लड़ने के लिए जो सबसे बड़ा हथियार सामने आया वह सैनेटाइज़र है. कोरोना काल में जिन चीज़ों की बिक्री बढ़ी है उसमें पहले नम्बर पर सैनेटाइज़र ही है. संक्रमण को रोकने में यह कारगर भी साबित हुआ है लेकिन एक शोध में यह जानकारी सामने आयी है कि सैनेटाइज़र छोटे बच्चो के लिए घातक भी साबित हो सकता है.
सैनेटाइज़र हालांकि ज़रुरत से ज्यादा इस्तेमाल करने से किसी को भी नुक्सान हो सकता है लेकिन बच्चो की अति संवेदनशील त्वचा के लिए यह बहुत खतरनाक है. जो लोग अपने बच्चो से इसका बहुत ज्यादा इस्तेमाल करवा रहे हैं उन्हें यह बात जान लेनी चाहिए कि वह अपने बच्चो की रोग प्रतिरोधक क्षमता को खत्म करने पर तुले हैं.

हाथों में कुछ अच्छे बैक्टीरिया भी होते हैं जो रोगों से लड़ने में सहायक होते हैं. जब बच्चे बीमार होते हैं तब यह बैक्टीरिया रोगों से लड़ाई में उनकी मदद करते हैं लेकिन बहुत ज्यादा सैनेटाइज़र का इस्तेमाल करने से खराब बैक्टीरिया के साथ-साथ अच्छे बैक्टीरिया भी मर जाते हैं. ऐसा होने से बच्चो की रोग प्रतिरोधक क्षमता घट जाती है और उनका इम्यून सिस्टम कमज़ोर पद जाता है.
इन दिनों बाज़ार में जो सैनेटाइज़र मिल रहे हैं उन्हें कोरोना से लड़ने की बात ध्यान में रखकर तैयार किया गया है. इसी वजह से उनमें कई तरह के रसायन डाले गए हैं जो बच्चो की संवेदनशील त्वचा पर विपरीत प्रभाव डाल रहे हैं. इसकी वजह से कई बच्चो में एलर्जी की शिकायत भी सुनने में आ रही है.
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बच्चो को सैनेटाइज़र इस्तेमाल करने को तभी कहें जब आप घर से बाहर हों और वहां हाथ धोने के लिए पानी मौजूद न हो. सैनेटाइज़र का इस्तेमाल तब भी करना चाहिए जब ऐसा दरवाज़ा या ऐसी चीज़ छूने की ज़रूरत पद जाए जिसे कई लोगों ने छुआ हो. ऐसे समय में सैनेटाइज़र संक्रमण से बचाएगा लेकिन घर में रहते हुए भी हर थोड़ी देर बाद इसका इस्तेमाल मुसीबत को दावत देने जैसा होगा.
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