प्रमुख संवाददाता
नई दिल्ली. राज्यसभा चुनाव के बाद मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार की तैयारी चल रही है. इस विस्तार में मंत्री कौन-कौन बनेगा यह दीगर बात है, असल मुद्दा तो यह है कि मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री कौन होगा. शिवराज अपने ताज को बरकरार रख पाएंगे या फिर उन्हें अपनी कुर्सी का मोह छोड़ने को मजबूर होना होगा.
सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा बहुत दबी ज़बान से हो रही है कि मध्य प्रदेश की कमान शिवराज से लेकर नरेन्द्र सिंह तोमर की ताजपोशी की जा सकती है. मध्य प्रदेश के सियासी समीकरण इस अंदाज़ में बदलेंगे तो तस्वीर क्या होगी इस पर कयास भी शुरू हो चुके हैं.

मंत्रिमंडल विस्तार में किसे-किसे मंत्री बनाया जाना है इसे लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह के साथ विस्तार से चर्चा हुई है. मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सरकार बहुत जल्दबाजी में है. इसी वजह से उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को मध्य प्रदेश का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. दरअसल मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन गंभीर रूप से बीमार हैं और लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती हैं.
शिवराज मंत्रिमंडल विस्तार की खबरों के साथ-साथ सियासत में कुछ और बड़ी खबरें भी चर्चा में हैं. मंत्रिमंडल विस्तार के बाद मध्य प्रदेश की सरकार को डगमग स्थितियों से बाहर निकालने के लिए उपचुनाव में बीजेपी को कम से कम 9 सीटें जीतना भी ज़रूरी हैं.
हालांकि उपचुनाव का मिथ यही होता है कि राज्य में जिसकी सरकार होती है जीत भी उसी की होनी है लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जिस तरह से फ्रंट फुट पर खेल रहे हैं और उपचुनाव में जनता के बीच इस सन्देश के साथ जाने वाले हैं कि चुनाव के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मतदाताओं को धोखा देकर बीजेपी ज्वाइन की और राज्य सरकार को गिराने में अहम भूमिका निभाई. कमलनाथ की कोशिश है कि वह सभी 24 सीटों पर जीत हासिल करें और ज्योतिरादित्य सिंधिया को उनके गढ़ में घुसकर उन्हें चुनौती दें.
मध्य प्रदेश सरकार को बचाए रखने के लिए कांग्रेस के योग्य ठहराए गए 24 विधायकों में से ज्यादा से ज्यादा सीटें बीजेपी के पक्ष में लाने के लिए केन्द्र सरकार भी हरसंभव मदद देने की तैयारी में है.

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सियासी गलियारों में चर्चा है कि मध्य प्रदेश की सरकार को बचाए रखने और उप चुनाव जीतने के लिए केन्द्र सरकार मध्य प्रदेश में शिवराज की जगह नरेन्द्र सिंह तोमर को मुख्यमंत्री बना सकती है. मौजूदा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को केन्द्रीय मंत्री बनाया जा सकता है. चर्चा तो यहाँ तक है कि शिवराज को कृषि विभाग का मंत्री बनाया जाएगा. दूसरी तरफ मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिराकर बीजेपी को ताज दिलाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया को केन्द्र में बतौर रेल मंत्री शामिल किया जा सकता है. ज्योतिरादित्य सिंधिया का मध्य प्रदेश की सियासत में असर को कायम रखने और उनके असर के दम पर मतदाताओं को इस बार कांग्रेस के बजाय बीजेपी को वोट करने के लिए तैयार करने के लिए उप चुनाव के प्रचार अभियान में ज्योतिरादित्य सिंधिया को बतौर उप प्रधानमंत्री भी भेजा जा सकता है. अगर ऐसा किया गया तो कमलनाथ की कोशिशों को बड़ा झटका लग सकता है.
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