न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। कहते हैं सियासत में कुछ भी हो सकता है। उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े सियासी घराने सपा में लगातार बदलाव देखने को मिल रहा है। दरअसल मुलायम सिंह यादव की पार्टी सपा बेहद खराब दौर से गुजर रही है।
मुलायम की बनायी हुई पार्टी लगातार फिसड्डी साबित हुई है। शिवपाल यादव ने सपा से किनारा कर लिया था और अपनी नई पार्टी बना डाली थी। इस वजह से सपा को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। चाचा और भतीजे का टकराव सपा के लिए परेशानी का केंद्र बना रहा है।
ये भी पढ़े: यहां राह चलते हो रहा कोरोना वायरस का टेस्ट
ये भी पढ़े: पीएम मोदी का यह सपना तो पूरा हो गया
सपा नेता और यूपी विधानसभा में विपक्ष के नेता राम गौविंद चौधरी की ओर से शिवपाल सिंह यादव की विधानसभा सदस्यता रद करने की याचिका को वापस करने की मांग को विधानसभा अध्यक्ष ने स्वीकार कर लिया है।

ये भी पढ़े: आखिर ये रिवाज बदलता क्यों नहीं ?
विधानसभा अध्यक्ष की मंजूरी के बाद याचिका याचिका वापस हो गयी है। विधानसभा अध्यक्ष ने नेता विपक्ष के नेता राम गौविंद चौधरी की मांग को मंजूर कर शिवपाल सिंह यादव की सदस्यता को बरकरार रखा है।
शिवपाल सिंह यादव भले ही समाजवादी पार्टी से कोई नाता न रखते हो लेकिन समाजवादी पार्टी ने फिर भी उनकी सदस्यता को बचा कर ये साफ कर दिया है कि भले ही शिवपाल पार्टी में न रहे लेकिन उनकी एहमियत हमेशा पार्टी में रहेगी।
उधर मुलायम की तबीयत अब ठीक नहीं रहती है। इसके आलावा मुलायम अब राजनीति में पहले से ज्यादा सक्रिय नजर नहीं आ रहे हैं। मुलायम की तबीयत खराब होती है तो उनके परिवार के कई लोग उनके साथ मौजूद रहते हैं। इस दौरान एक बार फिर मुलायम के पास अखिलेश के साथ-साथ शिवपाल यादव भी मौजूद थे।
ये भी पढ़े: आडवाणी, जोशी और कल्याण सीबीआई कोर्ट में तलब
ये भी पढ़े: संकटकाल में योगी सरकार का तीसरे यूटर्न की वजह बने प्रवासी मजदूर
ये भी पढ़े: तो क्या ‘मित्रों’ से भारत में होगा टिकटॉक का ‘विनाश’
ऐसे में कहा जा रहा है कि राजनीति में दोनों एक बार फिर साथ नजर आ सकते हैं। अगर देखा जाये तो मुलायम सिंह यादव की तबियत की वजह से बेटे और भाई के परिवार के बीच दूरियां कम होती दिख रही है।
ऐसे में सपा ने अब उनकी सदस्यता को बरकरार रखने की बात सामने आ रही है तो लग रहा है कि शायद चाचा शिवपाल और भतीजे अखिलेश के बीच की दूरियां कम हो जाये।
अब देखना होगा कि क्या शिवपाल यादव एक बार फिर सपा में इंट्री करते हैं या नहीं लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने शिवपाल यादव की याचिका खारिज कर उनकी सदस्यता जारी रखने का आदेश जारी कर दिया है, जिससे सियासी गलियारे में चर्चों का बाजार गर्म हो गया है।
ये भी पढ़े: लॉकडाउन में अपने कर्मचारियों का इन कंपनियों ने ऐसे रखा ध्यान
ये भी पढ़े: क्या भविष्य में भी मजदूरों के हितों को लेकर राजनेता सक्रिय रहेंगे?
Jubilee Post | जुबिली पोस्ट News & Information Portal
