न्यूज डेस्क
कोरोना को दरकिनार करते हुए मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल के गठन को लेकर सियासी घमासान का दौर जारी है। मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री बनने के बाद से मंत्रिमंडल विस्तार नहीं हो सका। इसकी वजह कोरोना का दस्तक देना था। लेकिन अब मंत्रिमंडल के गठन को लेकर कयास तेज हो गये हैं।
दरअसल ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने के बाद से ही अपने समर्थकों को मंत्रिमंडल में जगह दिलाने की जुगत में हैं। इस बीच सिंधिया ने अमित शाह से मुलाकात की हैं। इस दौरान दोनों के बीच मंत्रीमंडल के गठन को लेकर चर्चा हुई है।
जानकारी के अनुसार, कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे सभी नेताओं को मंत्री बनाने की वकालत सिंधिया ने की है। इसमें तुलसीराम सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, महेंद्र सिंह सिसोदिया, प्रभु राम चौधरी, इमरती देव और प्रद्युम सिंह तोमर के नाम हो सकते हैं।
गौरतलब है कि सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने के बाद मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिर गई। इसके बाद बीते 23 मार्च को शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। राजभवन में राज्यपाल लालजी टंडन ने उन्हें शपथ दिलवाई थी। लेकिन कोरोना के चलते लॉकडाउन होने के कारण उनके साथ किसी अन्य मंत्री ने शपथ नहीं ली।
बता दें कि 11 मार्च को पूर्व कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी में शामिल हो गए थे। उन्हें भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी की सदस्यता दिलाई थी। बीजेपी में पार्टी में शामिल होने के बाद उन्होंने कहा था कि, ‘मैं नड्डा साहब, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का धन्यवाद करना चाहूंगा।’
सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने के साथ कांग्रेस के कई विधायकों ने भी बीजेपी का हाथ थाम लिया था। इस वजह से कांग्रेस की सरकार अल्पमत में आ गई और आखिर कर कमलनाथ को सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
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