न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। भारत में हर मोर्चे पर कोरोना संक्रमण से जंग जारी है। देश में 21 दिनों का लॉकडाउन, बाजार- कारोबार सब कुछ बंद करने के बाद केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए लोकसभा और राज्यसभा सांसदों की सैलरी में से 30 फीसदी की कटौती कर दी है।
इतना ही नहीं अगले दो साल के लिए सांसद निधि फंड को भी सस्पेंड कर दिया गया है। जानिए किसकी कितनी है तनख्वाह और इस फैसले से सरकार को कितनी मिलेगी मदद और इन सबका क्या फायदा होगा?
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किसकी कितनी सैलरी
- राष्ट्रपति की सैलरी 5 लाख रुपये है तो उपराष्ट्रपति को 4 लाख रुपये प्रति माह सैलरी मिलती है।
- राज्यपाल की सैलरी 3.5 लाख है तो केंद्र शासित प्रदेशों में तैनात उपराज्यपाल को 1.10 लाख रुपये सैलरी मिलती है।
- प्रधानमंत्री की सैलरी 1.60 लाख रुपये प्रतिमाह होती है।
- वहीं लोकसभा और राज्यसभा के हर सांसद को हर महीने 1.40 लाख रूपए बतौर सैलरी मिलती है।
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कटने के बाद क्या होगी सैलरी
- पीएम की एक साल की तनख्वाह तीस प्रतिशत कटकर 5.76 लाख रह जाएगी।
- वहीं हर एक सांसद के एक साल की तनख्वाह का तीस प्रतिशत 5.04 लाख रह जाएगा।
- ऐसे में कुल 790 सांसदों की एक साल की सैलरी में 30 प्रतिशत 39.81 करोड़ हुई।
7,900 करोड़ रुपये की होगी बचत
सैलरी के अलावा केंद्र ने 2 साल के लिए सांसद निधि को स्थगित करने का फैसला लिया है। निधि को स्थगित किए जाने से करीब 7,900 करोड़ रुपये की बचत होगी, जिसे सरकार के कोष में जमा कराया जाएगा।
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