न्यूज डेस्क
नफरतों की दीवारों को गिराकर समाज में शांति, सौहार्द और सहिष्णुता स्थापित कर देश में भाईचारे की संस्कृति पैदा करना ही बुद्ध से कबीर तक यात्रा का उद्देश्य है। यह बातें बुद्ध से कबीर तक ट्रस्ट की ओर से आयोजित पदयात्रा के तृतीय संस्करण के पाँचवें और आख़िरी दिन गोरखपुर विश्वविद्यालय के दीक्षा भवन में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संस्था के संरक्षक एडीजीपी गुजरात डॉ. विनोद कुमार मल्ल ने कही।

पदयात्रा की शुरुआत राजेश मोदक, सरदार जसपाल सिंह और इमामबाड़ा कन्या पीजी कॉलेज की प्रधानाचार्य आशिया ने झंडी दिखाकर की। पदयात्रा में महिलाओं, पुरुषों और बच्चों का समूह हाथों में तिरंगा लेकर शामिल हुआ। टाउन हॉल से निकली पदयात्रा बैंक रोड, सिनेमा रोड, गोलघर, अंबेडकर चौक, छात्रसंघ चौराहा होते हुए गोरखपुर विश्वविद्यालय स्थित पंत पार्क पहुंचकर समाप्त हुई। इस अवसर पर वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अनुराधा मल्ल सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

यात्रा के समापन के उपरांत पंत पार्क में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए बुद्ध से कबीर तक ट्रस्ट के मुख्य संरक्षक डॉक्टर विनोद कुमार मल्ल ने कहा कि इस यात्रा का मूल उद्देश्य देश में मोहब्बत की संस्कृति पैदा करने का है जो नफरतों की दीवारों को गिराकर समाज में शांति, सौहार्द और सहिष्णुता स्थापित करे।

कार्यक्रम की शुरुआत बुद्ध और कबीर की प्रासंगिकता पर आयोजित सेमिनार से हुई जिसमें डॉ विनोद कुमार मल्ल और सुभाषचंद्र कुशवाहा जी ने मुख्यवक्ता के रूप में उपस्थित लोगों को संबोधित किया।

सुनील कुमार मल्ल, कस्टम कमिश्नर मुम्बई पोर्ट ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम के दौरान बुद्ध से कबीर तक बैंड के ऋषभ, आदर्श आदी, जगदम्बा, अभिषेक, आशीष और आदित्य राजन ने निर्गुण, सूफी और कौमी एकता के गीतों को सुंदर संगीत में सजाकर पेश किया और बनारस से आई हुई नृत्यांगना प्रशस्ति तिवारी ने नृत्य के माध्यम से बुद्ध और कबीर से उपस्थित जन समुदाय को रूबरू कराया।
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