
जुबिली न्यूज़ डेस्क।
देश में मंदी का खतरा मंडरा रहा है। केंद्र सरकार के प्रयासों के बाद भी लगातार लोगों की नौकरी जा रही हैं और कई क्षेत्रों में मांग कम होने से घाटा बढ़ता जा रहा है। ऐसे में पूर्व प्रधानमंत्री और अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह ने एक इंटरव्यू में कहा है कि पांच कदमों को उठाने से मौजूदा अर्थव्यवस्था में सुधार लाया जा सकता है। पूर्व पीएम ने मौजूदा आर्थिक स्थिति के लिए नोटबंदी और जीएसटी जैसे सरकारी कदम को जिम्मेदार बताया है।
मनमोहन सिंह ने इंटरव्यू में कहा कि मोदी सरकार को हेडलाइन मैनेजमेंट की आदत से बाहर आना होगा। कपड़ा, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स और किफायती आवास जैसे प्रमुख क्षेत्रों को पुनर्जीवित करना होगा।
दूसरे कदम के बारे में मनमोहन सिंह ने कहा कि सरकार को ग्रामीण खपत को बढ़ाने और कृषि सेक्टर को फिर से जीवित करने के लिए नए तरीकों को खोजना होगा। उन्होंने कहा कि इसे लेकर कांग्रेस मेनिफेस्टो में ठोस विकल्प दिए गए हैं। इसमें कृषि बाजारों को मुफ्त करना होगा जिससे लोगों के पास पैसा आ सके।
मनमोहन सिंह ने तीसरे कदम के बारे में बताया कि पूंजी निर्माण के लिए कर्ज की कमी को दूर करना होगा। सिंह ने कहा कि हमें अमेरिका-चीन में चल रहे ट्रेडवॉर के चलते खुल रहे नए निर्यात बाजारों को पहचानना होगा। याद रखना चाहिए कि साइक्लिक और स्ट्रक्चरल दोनों समस्याओं का समाधान जरूरी है। तभी हम 3-4 साल में उच्च विकास दर को वापस पा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि जीएसटी में सुधार करने की अवश्यकता है। सरकार को लम्बी अवधी का सोच कर प्लान बनाना होगा भले ही तत्काल टैक्स उगाही में कुछ कमी भी क्यों न हो।
सिंह ने कहा कि, केंद्र सरकार को एक्स्पर्ट्स और सभी स्टेकहॉल्डर्स से खुले दिमाग से बात करनी होगी। उन्होंने कहा कि इस मामले में केंद्र सरकार का कोई फोकस्ड अप्रोच नहीं दिखाई दे रहा है।
पूर्व पीएम की माने तो पांच तरीकों को लागू करने से पहले यह स्वीकार करना होगा कि देश मंदी के दौर से गुजर रहा है।
मनमोहन सिंह ने पांच तरीके बताए हैं जिसमें पहला है कि जीएसटी को तर्कसंगत बनाना होगा। उन्होंने कहा कि भले ही थोड़े समय के लिए कर का नुकसान भी हो।
गौरतलब है कि मौजूदा समय में मंदी को लेकर हर कोई चिंतित है। हाल ही में महाराष्ट्र में बीजेपी की सहयोगी शिवसेना ने भी मोदी सरकार से अर्थव्यवस्था पर मनमोहन सिंह की सलाह मानने को कहा था।
राहुल गांधी का तंज
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार द्वारा ऑटो सेक्टर में मंदी की वजह युवाओं को बताने वाले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बयान पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसको ‘मुर्खतापूर्ण थ्योरी बताया’ और कहा कि देश को अर्थव्यवस्था को सही करने के लिए एक ठोस योजना की जरूरत है।
बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऑटो सेक्टर में मंदी के पीछे युवाओं की सोच में बदलाव को जिम्मेदार ठहराया था, जिसके बाद उन्हें सोशल मीडिया पर तीखी आलोचना का सामना भी करना पड़ा।
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