Monday - 22 January 2024 - 11:36 PM

यूपी: 127 नए मामले आने के बाद कोरोना संक्रमितों की संख्‍या हुई 2455

न्‍यूज डेस्‍क

योगी सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी यूपी में कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। अब तक सूबे में कोरोना वायरस पॉजिटिव मामलों की कुल तादाद 2455 हो गई है। इसमें 656 मरीज ठीक होकर घर वापस चले गए हैं। 43 की मौत हो चुकी है। अब तक 1556 एक्टिव केस रह गए हैं। कोरोना वायरस के पॉजिटिव मामले 64 जिलों में पाए जा चुके हैं। 6 जिलों में कोई केस नहीं आया है।

चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव अमित मोहन प्रसाद ने शनिवार को अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी के साथ एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में बताया की प्रदेश में कोराना वायरस संक्रमितों के 127 नए मामले सामने आए हैं।

अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि पूरे प्रदेश में शनिवार से अस्पतालों में शिशुओं के टीकाकरण का काम शुरू हो गया है। अस्पतालों में टीकाकरण बुधवार और शनिवार को होता है। लॉकडाउन की वजह से जिन बच्चों के टीके लगने में विलम्ब हो गया हो, उन्हें अब तुरंत लगवा लें।

 

उन्होंने बताया कि बाहर से आने वाले प्रवासी मजदूरों की पूरी स्क्रीनिंग करके ही घर भेजा जाएगा। जिनमें जरा भी लक्षण पाए जाएंगे, उन्हें वहीं मौके पर ही अस्पताल में सात दिन के लिए भेज दिया जाएगा। दोबारा निगेटिव आने पर ही उन्हें छोड़ा जाएगा। फिर 21 दिन घर पर ही रहना होगा। उनके घर के आगे फ्लैग लगा दिया जाएगा कि अमुख तारीख तक श्रमिक को घर पर क्वारंटाइन किया जाएगा।

उनकी निगरानी के लिए गांव में प्रधान की देखरेख में निगरानी समिति का गठन किया जाएगा। इसमें आशा बहुएं, युवक मंगल दल व अन्य लोग होंगे। इसी तरह शहर में पार्षद की निगरानी में मोहल्ला समिति का गठन किया जाएगा।

प्रमुख सचिव ने बताया कि अब तक 341 पूल टेस्ट किए गए हैं। शुक्रवार को 3356 नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं। 4431 नमूनों का परीक्षण किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश की करीब 23 करोड़ आबादी के हिसाब से सामने आ रहे कोरोना पॉजिटिव के मामले अभी पूरी तरह नियंत्रण में हैं।

15 से 20 लाख श्रमिकों को राेजगार देने की तैयारी

यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ कहा है कि दूसरे प्रदेशों से आने वाले लगभग 15 से 20 लाख श्रमिकों को यूपी में ही रोजगार देने की प्लानिंग शुरू कर दी जाए।  जिन श्रमिकों की घर वापसी हो रही है उनको स्थानीय स्तर पर उनकी दक्षता के अनुरूप ही काम दिया जाए। इसके लिए आने वाले हर श्रमिक का मोबाइन नंबर और उसकी विशेषज्ञता को एकत्र कर लिया जाए। दूसरे प्रदेशों से वापस आने वाले श्रमिकों की संख्या 15 से 20 लाख तक होगी। संबंधित विभाग इसी अनुसार अपनी कार्ययोजना तैयार करें।

अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी और प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने शनिवार को आयोजित संयुक्त प्रेसवार्ता में बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश के अनुसार सभी विभाग इसमें जुट गए हैँ। लॉकडाउन की शर्तों का अनुपालन करते हुए चीनी मिलों और ईंटों की तरह अन्य औद्योगिक इकाईयां भी चालू कराई जाएंगी। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि 16 लाख सरकारी कर्मचारियों को वेतन और 12 लाख रिटायर्ड कर्मचारियों को पेंशन दी जा चुकी है।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर हमारा हर संभव प्रयास है कि कोरोना का संक्रमण चिकित्सकों और पैरा मेडिकल स्टॉफ में न फैले। कोरोना का अस्पताल केवल कोविड अस्पतालों में ही होगा। बाकी रोगियों का अस्पताल नॉन कोविड अस्पतालों में होगा। कौन संक्रमित है और कौन नहीं। हर अस्पताल की इमरजेंसी में ही इसकी मुकम्मल व्यवस्था होगी।

श्रमिकों के लिए अध्यादेश

दूसरी ओर  उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अन्य राज्यों से लौटे श्रमिकों को रोजगार देने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। काम के दौरान इन्हें शोषण से बचाने के लिए अब प्रदेश सरकार जल्द ही एक अध्यादेश लाने की तैयारी में है। इसके जरिए श्रमिकों के काम के घंटे और वेतन तय किए जाएंगे। सीएम योगी ने जल्द ही अध्यादेश को तैयार करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया है। कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए बनाई गई टीम-11 के साथ शनिवार को हुई बैठक में सीएम योगी बाहर से आए श्रमिकों को रोजगार देने की योजना पर चर्चा कर रहे थे।

कोरोना लॉकडाउन के कारण अन्य राज्यों में फंसे उत्तर प्रदेश के करीब 15 लाख श्रमिक गृह राज्य वापस आ रहे हैं। इनमें से कुछ पहले ही बसों के जरिए आ चुके हैं। सीएम योगी ने सरकारी आवास पर टीम-11 के साथ लॉकडाउन की समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि श्रमिकों के लिए 1200 दिनों के लिए एक अध्यादेश तैयार कर लें, जिसमें उनका वेतन और उनके कार्य करने का समय निर्धारित किया जाए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि 15 लाख लोगों को रोजगार दिलाने का कार्य प्रारंभ कर देना चाहिए।

उद्योग के लिए तैयार करें कार्य योजना

समीक्षा बैठक में सीएम योगी ने कहा कि जिस प्रकार से चीनी मिल और ईंट भट्टों को चालू किया गया है, ठीक वैसे ही अन्य उद्योगों को चलाने के लिए एक कार्ययोजना तैयार की जाए। उद्योगों को सावधानीपूर्वक शुरू किया जाए, साथ ही उद्योगों का प्रोटोकॉल भी निर्धारित किया जाए। उन्होंने कहा कि गृह विभाग राज्य सरकारों से बात करके ये स्पष्ट कर ले कि जिनका नाम उनके द्वारा भेजी गई सूची में नहीं होगा, उनको प्रवेश देना संभव नहीं होगा। मंडियों मे सोशल डिस्टेसिंग का पालन सुनिश्चित कर लें।

बड़े स्तर पर दुग्ध समितियों का गठन करें

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना जैसी महामारी के दौरान भी सभी विभागों को वेतन और पेंशन देने में कोई कटौती नहीं की गई, राजस्व की प्राप्ति कम होने के बाद भी सभी व्यवस्था को सही ढंग से चलाया गया है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक वॉर्ड और गांव में तत्काल एक निगरानी समिति बनाएं। प्रदेश में बड़े स्तर पर दुग्ध समितियों का गठन कर लें।

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