
स्पोर्ट्स डेस्क
भारतीय क्रिकेट में अक्सर देखा जाता है कि लोग चढ़ते सूरज को सलाम करते हैं। जब तक किसी खिलाड़ी का बल्ला चल रहा है तो उसे भगवान की तरह पूजा जाता है। आलम तो यह रहता है बीसीसीआई भी उसके खेल पर सलामी ठोंकती है लेकिन अगर इसका उलट हुआ तो फिर उस खिलाड़ी का करियर भी दांव पर लग जाता है।

इस बार का आईपीएल कुछ खिलाडिय़ों के लिए अहम माना जा रहा है। युवी और रैना दो ऐसे नाम है जो अरसे से टीम इंडिया में वनवास काट रहे हैं। आईपीएल की नीलामी में शुरुआती दौर में युवराज को किसी ने खरीदा नहीं था लेकिन इसके बाद मुम्बई ने उन्हें किसी तरह से खरीद लिया था। दिल्ली के खिलाफ भले ही मुम्बई हार गई हो लेकिन युवराज सिंह ने इस मुकाबले में एक अलग छाप छोड़ी। युवराज ने 35 गेंदो में 5 चौके और 3 छक्के की मदद से 53 रन की अर्धशतकीय पारी खेली। युवी ने मैदान पर वापसी करने से पूर्व सचिन तेंदुलकर से बात की और मैदान पर इसका असर दिख रहा है।

आखिर क्यों है युवराज के लिए आईपीएल अहम
आईपीएल के सहारे विश्व कप की तैयारी में टीम इंडिया जुटी हुई है। विश्व कप की बात की जाये तो टीम इंडिया के लगभग खिलाड़ी तय है लेकिन कुछ नामों को लेकर अभी पेंच फंसा हुआ है। मध्यक्रम में एक खिलाड़ी को लेकर अभी विराट कोहली जूझ रहे हैं।

नम्बर चार पर किस खिलाड़ी विश्व कप में उतारा जाये इसको लेकर अब भी सवाल है। हालांकि इस क्रम के लिए कई दावेदार है लेकिन अब युवराज ने एक बार फिर टीम इंडिया में वापसी के लिए दावा ठोंक दिया है। युवराज ने दिल्ली के खिलाफ 53 रन की तेज पारी खेलकर एक बार फिर बीसीसीआई की नजरों में आने की कोशिश की है। बीते कुछ महीनों से कहा जा रहा था युवराज सिंह का करियर खत्म हो गया है।

उन्हें संन्यास ले लेना चाहिए लेकिन कल की पारी से उनके आलोचकों का मुंह बंद होता दिख रहा है। युवराज ने भी संन्यास को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा कि समय आएगा तो संन्यास लेने की घोषणा कर देंगे। पिछले दो साल से उनकी फिटनेस और फॉर्म ने सही नहीं रही है। आलम तो यह है कि वह कई बार यो-यो टेस्ट में फेल भी हो गए थे।
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