जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. गर्मी इन दिनों अपने पूरे शबाब पर है बड़ी तादाद में लोग हीट वेव का शिकार हो रहे हैं. स्कूलों में छुट्टियाँ चल रही हैं और बच्चे अपने घरों में लेटकर मोबाइल की दुनिया में खोये हुए हैं. यह मौसम घर से बाहर निकलने वालों और घरों में लेटकर मोबाइल देखने वालों दोनों के लिए ही बहुत खराब है.

कुछ समय पहले जुबिली टीवी पर ओम दत्त को दिए साक्षात्कार में डॉ. खुर्शीद ने गर्मी के मौसम में आँखों को होने वाले नुक्सान के बारे में कई महत्वपूर्ण बातें बताई थीं. मौजूदा हालात ऐसे हैं कि हमें ज़रूरी लगा कि जुबिली पोस्ट के पाठकों को हम वह बातें बताएं ताकि वक्त ज़रूरत उनके काम आ जाएं.
डॉ. खुर्शीद ने बताया कि कोरोना काल के बाद से बच्चो में फिजिकल एकटीविटीज़ बहुत कम हो गई हैं. ऑनलाइन पढ़ाई करने वाले बच्चो को बड़ी स्क्रीन देनी चाहिए, संभव हो तो मोबाईल के बजाय उन्हें लैपटॉप दिया जाये. बच्चो को सीधे बैठकर पढाई करनी चाहिए. लेटकर मोबाइल देखने को वह आँखों के लिए सबसे खतरनाक बताते हैं.
उन्होंने बताया कि अगर आपका बच्चा आँख सिकोड़कर बात करता हो. नार्मल लाईट में आँख सिकोड़ रहा है. सर टेढ़ा कर बात कर रहा हो. मना करने के बाद भी टीवी बहुत पास से देख रहा हो. तो ऐसे बच्चो की आँखों की जाँच करानी चाहिए. बच्चो की आँखों की जांच आँखों में दवा डालकर ही करानी चाहिए.
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