जुबिली न्यूज डेस्क
ईरान और अमेरिका के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है। हालिया अमेरिकी सैन्य कार्रवाई के बाद ईरान ने कड़ी चेतावनी दी है और कहा है कि “जिस युद्ध की शुरुआत अमेरिका ने की है, उसका अंत अब ईरान करेगा।” तेहरान से आए इस बयान ने न सिर्फ मध्य पूर्व में हलचल मचा दी है, बल्कि वैश्विक राजनीति और सुरक्षा समीकरणों को भी झकझोर दिया है।
ईरान की चेतावनी: ‘अब और चुप नहीं बैठेंगे’
ईरान के सरकारी प्रवक्ता और रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के कमांडर ने अमेरिका को सीधी धमकी देते हुए कहा:“हमने संयम बरता, लेकिन अमेरिका ने हमारी संप्रभुता को चुनौती दी। आपने शुरुआत की है, अब अंत हम करेंगे।”ईरान का इशारा साफ है – अगर अमेरिका ने एक और सैन्य कार्रवाई की, तो ईरान का जवाब अभूतपूर्व और निर्णायक होगा।
अमेरिका ने क्या किया?
हाल ही में अमेरिका ने सीरिया और इराक की सीमा से लगे इलाकों में ईरानी समर्थित मिलिशिया ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की थी। अमेरिका ने इस कार्रवाई को “सेल्फ डिफेंस” बताया था और कहा था कि ये हमले अमेरिकी सैन्य अड्डों पर हुए ड्रोन हमलों के जवाब में किए गए हैं।लेकिन ईरान इसे सीधी आक्रामकता और युद्ध की शुरुआत मान रहा है।
ईरान की रणनीति: सीधे टकराव का संकेत
ईरान के रक्षा मंत्री ने साफ कर दिया कि अमेरिका के खिलाफ सैन्य जवाबी कार्रवाई तैयार है।“हम अमेरिका की हर हरकत पर नजर रखे हुए हैं। अगर दुबारा हमारी सीमाओं, सैन्य ठिकानों या हमारे सहयोगियों पर हमला हुआ, तो हम पूरे क्षेत्र को युद्ध की आग में झोंक देंगे।”ईरानी संसद में भी इस मुद्दे पर हंगामा हुआ और अमेरिका के खिलाफ “मृत्यु हो अमेरिका” जैसे नारे लगे।
मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव पर वैश्विक चिंता
अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते तनाव को लेकर संयुक्त राष्ट्र (UN), यूरोपीय यूनियन और रूस ने चिंता जाहिर की है।
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UN महासचिव ने संयम बरतने की अपील की।
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रूस ने अमेरिका की कार्रवाई को “उकसावा” करार दिया।
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चीन ने कहा कि “आग से खेलने वाले खुद जलते हैं।”
अमेरिका की प्रतिक्रिया: “हम डरते नहीं”
व्हाइट हाउस से जारी बयान में कहा गया कि अमेरिका अपने नागरिकों और हितों की रक्षा के लिए हर आवश्यक कदम उठाएगा।“अगर ईरान हमें नुकसान पहुंचाता है, तो उसे उसका अंजाम भुगतना होगा। हमारे पास दुनिया की सबसे मजबूत सैन्य ताकत है।”हालांकि बाइडन प्रशासन ने संकेत दिए हैं कि वह पूर्ण युद्ध नहीं चाहता, लेकिन आत्मरक्षा के अधिकार से पीछे नहीं हटेगा।
क्या छिड़ सकता है नया युद्ध?
विशेषज्ञ मान रहे हैं कि अगर अमेरिका या ईरान में से कोई भी अगला कदम जल्दबाज़ी में उठाता है, तो यह संघर्ष पूरे मध्य पूर्व में बड़े युद्ध का रूप ले सकता है।
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ईरान के पास हिज्बुल्लाह (लेबनान), हौथी (यमन) और PMF (इराक) जैसे सहयोगी हैं।
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अमेरिका के क्षेत्र में कई सैन्य ठिकाने और नौसेना बेड़े मौजूद हैं।
इससे पूरी दुनिया की ऊर्जा सप्लाई, तेल कीमतें, और भू-राजनीतिक समीकरण प्रभावित हो सकते हैं।
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भारत की स्थिति: कूटनीतिक संतुलन
भारत ने अभी तक इस तनाव पर कोई सीधा बयान नहीं दिया है, लेकिन
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भारत अमेरिका का रणनीतिक साझेदार है,
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और ईरान से तेल और व्यापारिक संबंध भी हैं।
ऐसे में भारत को राजनयिक संतुलन बनाकर चलना होगा, खासकर जब वैश्विक शांति और तेल कीमतें दांव पर हैं।