न्यूज़ डेस्क
सीएम योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट और देश में बन रहा सबसे बड़ा पूर्वांचल एक्सप्रेस वे को लेकर किसानों ने कड़ी नाराजगी जताई है। इस एक्सप्रेस वे में जिन किसानो की जमीन ले जा रही है उन्होंने आरोप लगाया है की उनको जमीन की तय कीमत से कम मुआवजा दिया जा रहा है। इसके अलावा किसानो ने सर्कार पर आरोप लगाया है कि उनसे जबरन बैनामा कराने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार पूर्वांचल एक्सप्रेस वे को लेकर किसानों ने यूपीडा पर गंभीर आरोप लगाया है। मामला सुल्तानपुर के बल्दीराय तहसील के हलियापुर का है जहां से गुजर रहे एक्सप्रेस वे के लिए किसानों की ज़मीन ली जा रही है। इस पर वहां के किसानों ने आरोप लगाया है कि उनको निर्धारित रेट से कम मुआवजा दिया जा रहा है। साथ ही में जबरन बैनामा कराया जा रहा है आरोपित किसानों ने इस मामले की शिकायत डीएम से की है। इस पर डीएम ने मामले की जांच के आदेश दे दिए है।
बता दें कि लखनऊ से गाजीपुर तक की लगभग 400 किलोमीटर लंबी एक्सप्रेसवे परियोजना है। इसके पूर्ण हो जाने पर लखनउ से गाजीपुर का सफर महज साढे चार से पांच घंटे में किया जा सकेगा। जो अभी आठ से नौ घंटे लगते हैं। इस परियोजना का पहले कुल बजट 7800 करोड़ था जिसको बढ़ा कर 8800 करोड़ कर दिया गया। इस एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य को किसी भी हालत में 2020 तक पूरा करने के निर्देश सरकार ने दिए है।
इस एक्सप्रेसवे के निर्माण के साथ ही प्रदेश का पूर्वी क्षेत्र न सिर्फ प्रदेश के अन्य शहरों से जुड़ जाएंगे बल्कि अन्य एक्सप्रेसवे के माध्यम से देश की राजधानी से भी जुड़ जाएंगे। एक्सप्रेसवे लखनउ के चंद सरई से गाजीपुर में कासुपुर के नजदीक जाकर जुडेगा।
इस एक्सप्रेसवे पर लखनऊ, बाराबंकी, फैजाबाद, अंबेडकरनगर, अमेठी, सुल्तानपुर, आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर जिले पडेंगे। इसके अलावा एक्सप्रेसवे को वाराणसी से एक अलग लिंक रोड से जोड़ा जाना प्रस्तावित है। यह एक्सप्रेसवे वर्तमान के ‘आगरा से लखनऊ एक्सप्रेसवे’ और मौजूदा ‘यमुना एक्सप्रेसवे’ से भी जुड़ जाएगा।
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