जुबिली स्पेशल डेस्क
पाकिस्तान की धरती लंबे समय से आतंकवाद की पनाहगाह मानी जाती रही है। वर्षों से इस पर आरोप लगते रहे हैं कि वहां पलने वाले आतंकी संगठनों को भारत विरोधी गतिविधियों के लिए समर्थन और प्रशिक्षण दिया जाता है।
खासकर कश्मीर के रास्ते भारत में घुसपैठ कर ये आतंकी भयावह घटनाओं को अंजाम देते हैं। हालांकि, पाकिस्तान इन आरोपों को अक्सर नकारता रहा है। लेकिन अब खुद पाकिस्तान के शीर्ष नेता यह स्वीकार कर रहे हैं कि उनकी धरती पर आतंकवाद फला-फूला है।
हाल ही में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक साक्षात्कार में स्पष्ट रूप से माना कि पाकिस्तान ने वर्षों तक आतंकवादी संगठनों को समर्थन और आर्थिक मदद दी है। इस स्वीकारोक्ति पर पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ज़रदारी ने भी अपनी मुहर लगा दी है।
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भुट्टो ने कहा, “यह कोई रहस्य नहीं है कि पाकिस्तान का एक अतीत रहा है। हमने इस अतीत की बहुत बड़ी कीमत चुकाई है। चरमपंथ की कई लहरों से गुजरते हुए हमने सबक सीखे हैं और देश के भीतर सुधार किए हैं।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि आतंकवाद का दंश उन्होंने व्यक्तिगत रूप से झेला है-“इन्हीं आतंकवादियों ने मेरी मां बेनज़ीर भुट्टो की हत्या की थी और मैं स्वयं भी उनका शिकार रहा हूं।”
बिलावल ने कहा कि अब पाकिस्तान उस अतीत को पीछे छोड़ चुका है और मौजूदा सरकारें सुधार की दिशा में काम कर रही हैं। उनका यह बयान इस ओर इशारा करता है कि पाकिस्तान में अब उन स्याह गलियों को उजागर करने की इच्छा और साहस पैदा हो रहा है, जिन्हें दशकों तक ढंका जाता रहा।
बता दें कि भारत लगातार पाकिस्तान पर शिकंजा कसता हुआ नजर आ रहा है। उसने अपने सारे रिश्तों को एक झटके में खत्म कर दी है और उसके खिलाफ अब मोर्चा खोल दिया है।
दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है और जंग जैसे हालात बन गए है। भारत तीनों सेनाओं को अलर्ट कर चुका है और पीएम मोदी ने कई बैठक कर पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाने का संकेत दे रहे हैं।