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बेंगलुरू। कर्नाटक में सत्ता की राजनीति में पिछले कुछ महीनों से बदलते घटनाक्रमों का अंतत: शुक्रवार को पटाक्षेप हो गया और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता बी.एस येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के साथ ही राज्य में भाजपा की पुन: वापसी हो गयी।
राज्यपाल वजूभाई वाला ने राजभवन में आयोजित एक भव्य समारोह में येदियुरप्पा को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी। समारोह में भाजपा के राष्ट्रीय संगठन सचिव एन संतोष, पूर्व मंत्रियों विधायकों, पार्टी नेता एवं कार्यकर्ता तथा उच्च प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे।
येदियुरप्पा वरिष्ठ पार्टी नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री एस एम कृष्णा के साथ बैठे थे। येदियुरप्पा ने ईश्वर के नाम पर शपथ ग्रहण की।
पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दारामैया और एच.डी कुमारस्वामी समेत विपक्षी कांग्रेस तथा जनता दल (सेक्युलर) के नेता समारोह में उपस्थित नहीं थे , जबकि विधायक पद से इस्तीफा दे चुके विद्रोही कांग्रेसी विधायक रोशन बेग इस मौके पर मौजूद थे।
इससे पहले येदियुरप्पा ने राज्यपाल से मुलाकात करके सरकार बनाने का दावा पेश किया था। उन्होंने राज्यपाल को 105 विधायकों के समर्थन वाला पत्र सौंपते बताया कि उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया है। राज्यपाल ने येदियुरप्पा को अपना बहुमत साबित करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है।
गौरतलब है कि कर्नाटक विधानसभा में एच डी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली कांग्रेस- जनता दल (सेक्युलर) गठबंधन सरकार 24 जुलाई को विश्वासमत हासिल नहीं कर पाई थी। कांग्रेस-जद (एस) को मात्र 99 और भाजपा को 105 वोट मिले थे। इसके बाद येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया।
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