सैय्यद मोहम्मद अब्बास
विश्व कप शुरू हो चुका है। शुरुआती मुकाबलों में इंग्लैंड ने जीत दर्ज की है। दूसरी ओर एशियाई टीमों का बुरा हाल है लेकिन बांग्लादेश ने बड़ा उलटफेर करते हुए दक्षिण अफ्रीका को हराकर टूर्नामेंट में सनसनी फैला डालाी है। इस तरह से दक्षिण अफ्रीका के लिए टूर्नामेंट में लगातार दूसरी हार है। दूसरी ओर बांग्लादेश ने अपने खेल में गजब का सुधार करते हुए अन्य टीमों को चेता डाला है।

20 साल से क्रिकेट खेल रही बांग्लादेश अब तक कई मौकों पर बड़ा उलटफेर किया है। इन सालों में भले ही बांग्लादेश की जीत को तुक्का माना जाता हो लेकिन इस बार ये जीत किसी भी हाल में तुक्का नहीं है। पहले की जीत और इस जीत में काफी बड़ा अंतर है। बांग्लादेश की टीम साल दर साल लगातार अच्छा क्रिकेट खेल रही है। उसने पिछले विश्व कप में क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय किया था। इसके बाद से ही विश्व क्रिकेट में कई टीमों के लिए चुनौती बनकर सामने आयी है।
आखिर कैसे बदली बांग्लादेश की किस्मत
बांग्लादेश क्रिकेट की तस्वीर एक रात में नहीं बदली है बल्कि धीरे-धीरे करके इस टीम ने अपने खेल में सुधार किया है। उसके पास कुछ ऐसे खिलाड़ी जो बांग्लादेश क्रिकेट को नई राह दिखा रहे हैं। हाल के दिनों में उसके पास तमीम इकबाल, शाकिब अल हसन, महमूदुल्ला, मुशफिकुर रहीम, मशरफे मुर्तजा, मुस्तफिजुर रहमान जैसे खिलाड़ी इस टीम को राह दिखा रहे हैं। मशरफे मुर्तजा बतौर कप्तान बांग्लादेश के लिए एक चत्मकारी लीडर के रूप में नजर आ रहे हैं।


बांग्लादेश ने कई मौकों पर चौंकाया
ऐसे तो शुरुआती दौर में बांग्लादेश की टीम लगातार हार रही थी लेकिन 1999 विश्व कप में इस टीम ने पाकिस्तान को हराकर सबको चौंका दिया था। इसके बाद साल 2007 में विश्व कप में भारत को तब हराया जब उस टीम में सचिन, सहवाग, गांगुली और द्रविड़ जैसे खिलाड़ी मौजूद थे। टीम इंडिया के लिए ये हार इतनी बड़ी थी कि विश्व कप में भारत का सफर खत्म हो गया था। साल 2015 विश्व कप में बांग्लादेश की टीम पूरी तरह से बदली हुई नजर आयी। उसकी वजह से इंग्लैंड को बाहर होना पड़ा और बांग्लादेश विश्व कप के क्वार्टर फाइनल तक जा पहुंचा। हालांकि भारत ने उसके स्वर्णिम सफर को ब्रेक कर दिया था। इसके बाद उसके खेल में लगातार निखार आ रहा है। साल 2016 एशिया कप हो या फिर 2018 निदहास ट्रॉफी में उसका प्रदर्शन शानदार रहा है। ऐसे में विश्व कप में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मिली जीत को तुक्का नहीं कहा जा सकता है।
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