जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली. दिल्ली में इस वक्त सबसे बड़ी चिंता यमुना का लगातार बढ़ता जलस्तर है। हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से सोमवार सुबह करीब 3.29 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिसका असर सीधे राजधानी पर पड़ने वाला है। जल संसाधन विभाग के अनुसार यमुना का स्तर खतरे के निशान 205.33 मीटर से ऊपर बढ़कर मंगलवार शाम तक 206.50 मीटर तक पहुंच सकता है।
2023 जैसी बाढ़ की आशंका
गौरतलब है कि पिछले साल 2023 में यमुना 208.66 मीटर तक पहुंच गई थी, जिसके चलते कई इलाकों में 8-8 फुट तक पानी भर गया था। उस समय हजारों लोग घर छोड़ने पर मजबूर हो गए थे। इस बार भी खतरे का परिदृश्य कुछ वैसा ही नजर आने लगा है।
आगरा में भी कहर
सिर्फ दिल्ली ही नहीं, बल्कि आगरा में भी यमुना उफान पर है। नदी का जलस्तर अलर्ट लेवल पार कर गया है। ताजगंज श्मशान घाट पूरी तरह जलमग्न हो चुका है और मोक्ष धाम स्थल तक पानी पहुंच गया है। प्रशासन ने बाढ़ चौकियां बना दी हैं और लोगों से नदी किनारे न जाने की अपील की है।
पलायन और प्रशासन की तैयारियां
दिल्ली में यमुना किनारे रह रहे लोग अब सुरक्षित स्थानों की तलाश में पलायन शुरू कर चुके हैं। तिब्बतन कॉलोनी, मजनूं का टीला और लोहे का पुल क्षेत्र से लोग अपना सामान निकाल रहे हैं। दिल्ली प्रशासन ने अलर्ट जारी कर निचले इलाकों को खाली करने के निर्देश दिए हैं। अधिकारियों का कहना है कि हालात अचानक गंभीर हो सकते हैं।
मानसून अभी सक्रिय
इस बीच, मौसम विभाग ने सितंबर में भी सक्रिय मानसून का अनुमान जताया है। देशभर में 1 जून से 31 अगस्त तक 743.1 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो सामान्य से करीब 6% ज्यादा है। दिल्ली में सोमवार को येलो अलर्ट जारी किया गया और रुक-रुक कर बारिश होती रही। कुल मिलाकर, दिल्ली और आगरा दोनों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है और प्रशासन अलर्ट मोड पर है।
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