जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ समेत पांच राज्यों का चुनावी नतीजों आ चुके हैं और इसके बाद लोकसभा चुनाव की उलटी गिनती शुरू हो गई है।
हिंदी पट्टी के तीनों राज्यों में बीजेपी का दबदबा देखने को मिल रहा है। ऐसे में आने वाले वक्त में विपक्षी इंडिया गठबंधन को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
इतना ही नहीं कांग्रेस की तीन राज्यों में करारी शिकस्त से अब विपक्षी इंडिया गठबंधन के भविष्य पर सवाल उठ रहे हैं। इसका नतीजा हुआ कि तय समय होने वाले इंडिया गठबंधन की बैठक से अखिलेश यादव समेत कई दिग्गज नेताओं कन्नी काट ली है। इस वजह से बैठक को टालना पड़ा है।

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की प्रमुख ममता बनर्जी, बिहार के मुख्यमंत्री और विपक्षी एकजुटता की कवायद के अगुवा नीतीश कुमार, झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) प्रमुख और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों का हवाला देते हुए इस बैठक से हटने का फैसला किया।
अब जानकारी मिल रही है ये बैठक अब 16 दिसम्बर को आयोजित की जा सकती है और इसके लिए सभी को तैयार करने की जिम्मेदारी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को दी गई है।
इस बीच अखिलेश यादव ने अपने इरादे पूरी तरह से स्पष्ठï कर दिए और वो चाहते हैं कि बैठक से पहले सीट बंटवारे पर कोई फैसला हो। उन्होंने अपने एक बयान में कहा है कि इंडिया गठबंधन के पहले जो बात तय हुई थी कि जो जहां मजबूत होगा वो वहां नेतृत्व करेगा और दूसरी पार्टियां वहां उसकी सहयोग करेंगी।
इंडिया गठबंधन को इसी फॉर्मूले पर आगे बढऩा होगा। अखिलेश यादव के ताजा बयान से एक बात तो साफ हो गई है कि वो इंडिया गठबंधन में रहना चाहते हैं लेकिन सीट बंटवारे को लेकर कोई विवाद न हो तो इसलिए चाहते हैं कि सीट बंटवारा हो जाये ताकि बीजेपी को हराने के लिए मजबूती चुनाव लड़ा जाये लेकिन बड़ा सवाल है कि कांग्रेस क्या अखिलेश यादव की बात मानती है या नहीं।
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