Wednesday - 10 January 2024 - 6:50 AM

शाहीन बाग की महिलाओं ने बीजेपी आईटी सेल प्रमुख को क्यों भेजा नोटिस

न्यूज डेस्क

दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में लंबे समय से महिलाएं प्रदर्शन कर रही हैं। इन महिलाओं के प्रदर्शन को खूब समर्थन मिल रहा है, लेकिन कुछ लोग सोशल मीडिया पर इनके खिलाफ अनर्गल बातें कर रहे हैं।

पिछले दिनों इनके खिलाफ अफवाह फैलाया गया था कि ये पैसे लेकर प्रदर्शन कर रही हैं। फिलहाल इस मामले में प्रदर्शन करने वाली महिलाओं ने भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय को मानिहानि का नोटिस भेजा है।

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, इन महिलाओं ने नोटिस में अमित मालवीय से तत्काल माफी और एक करोड़ रुपये की मांग की है। प्रदर्शनकारी महिलाएं नाराज हैं कि उन पर पैसे लेकर प्रदर्शन में शामिल होने का आरोप लगाया गया।

मालूम हो कि दिल्ली के शाहीन बाग में सीएए और एनआरसी को लेकर मंगलवार को 37वें दिन भी प्रदर्शन जारी हैं।

गौरतलब है कि बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय द्वारा एक वीडियो शेयर किया गया था, जिसमें ऐसा दावा किया गया है कि सीएए के विरोध में प्रदर्शन कर रही महिलाओं को 500 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान किया जाता है। इसी की वजह से ये महिलाएं नाराज हैं।

मालवीय को यह नोटिस इन प्रदर्शनकारियों के कानूनी सलाहकार महमूद पारचा की ओर से भेजा गया है। नोटिस दो महिलाओं जाकिर नगर की नफीसा बानो और शाहीन बाग की शहजाद फातमा की ओर से भेजा गया है।

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इन लोगों ने आरोप लगाया है कि मालवीय केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी के सदस्य हैं इसलिए प्रदर्शनकारियों की छवि खराब करने में उनका निहित स्वार्थ है।

बीजेपी नेता को भेजे गए नोटिस में कहा गया है, ‘प्रदर्शनकारियों के खिलाफ झूठे आरोप लगाने और फैलाने, उनके मकसद पर शंका खड़ी करके आपने और अन्य तत्वों ने न सिर्फ आम जनता के साथ फर्जीवाड़ा किया बल्कि प्रदर्शनकारियों की छवि खराब करने की भी कोशिश की। उन प्रदर्शनकारियों के साथ ऐसा किया गया जो बड़ी संख्या में लोगों का ध्यान ऐसे मुद्दों की ओर दिला रहे हैं जिनके जरिए संवैधानिक स्वतंत्रता को दबाया जा रहा है।’

नोटिस में कहा गया है, ‘सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट किया गया जिसे आपने अनुमोदित किया और जो कई सोशल मीडिया प्लेटफाम्र्स पर चला। इस वीडियो में आरोप लगाया गया है कि प्रदर्शनकारी 500 रुपए से 700 रुपये लेकर प्रदर्शन में शिरकत कर रहे हैं। ऐसे बयान ना सिर्फ झूठे, बल्कि वो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समुदाय में प्रदर्शनकारियों की छवि खराब करने की कोशिश है।’

नोटिस में कहा गया है कि अमित मालवीय की यह हरकत भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 500 के तहत अपराध है क्योंकि प्रदर्शन कर रहे लोग आसानी से पहचाने जा सकते हैं।

मालूम हो इस अपराध के तहत दो साल जेल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।

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