Wednesday - 10 January 2024 - 6:52 AM

टुकड़े-टुकड़े गैंग पर झूठा कौन? गृहमंत्री या उनका मंत्रालय ?

न्यूज डेस्क

देश के गृहमंत्री अमित शाह अक्सर अपने बयान में टुकड़े-टुकड़े गैंग का जिक्र करते हैं। वह कई बार कह चुके हैं कि टुकड़े-टुकड़े गैंग देश को बांटना चाहता है। लोगों में देशभक्ति जगाने के लिए शाह ही नहीं बीजेपी के अधिकांश नेता इस गैंग का जिक्र करते है।

फिलहाल टुकड़े-टुकड़े गैंग को लेकर गृहमंत्री अमित शाह और उनका मंत्रालय सवालों के घेरे में है। उनके मंत्रालय को इस गैंग के बारे में कोई जानकारी नहीं है। गृहमंत्रालय ने एक आरटीआई के जवाब में यह कहा है। अब सवाल उठता है कि झूठ कौन बोल रहा है,  गृहमंत्री या गृहमंत्रालय?

पिछले महीने 25 दिसंबर को दिल्ली में एक जनसभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा था कि टुकड़े-़टुकड़े गैंग को दंड देने वक्त आ गया है। शाह ने कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा था कि ‘दिल्ली में अशांति के लिए कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में टुकड़े-टुकड़े गैंग जिम्मेदार है, इनको दंड देने का समय आ गया है। दिल्ली की जनता को दंड देना चाहिए।’

इसके पहले और बाद में भी शाह ने कई मौके पर टुकड़े-टुकड़े गैंग का जिक्र कर चुके हैं। शाह ही नहीं प्रधानमंत्री मोदी भी देश को बांटने का आरोप इस गैंग पर मढ़ चुके हैं।

देश में जब भी वैचारिक स्तर पर कोई विरोध होता है तो टुकड़े-टुकड़े गैंग की चर्चा जरूर होती है। विरोध करने वाले को टुकड़े-टुकड़े गैंग का बता दिया जाता है। जेएनयू का विरोध हो या जामिया का। सोशल मीडिया पर विरोध करने वालों को इस गैंग का सदस्य बताया गया था। पिछले दो-तीन साल में इस गैंग की ज्यादा चर्चा हो रही है।

तो क्या शाह-मोदी मांगेगे माफी

देश के अधिकांश राज्यों में एक माह से विरोध-प्रदर्शन हो रहा है। नागरिक संसोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता पंजीकरण के खिलाफ आम आदमी से लेकर विपक्षी राजनीतिक दल इसके विरोध में है। अभी भी देश के अधिकांश राज्यों में इसका विरोध हो रहा है। इस विरोध को लेकर कई बीजेपी नेता, विधायक, सांसद विवादित बयान दे चुके है। विरोध करने वालों को राष्ट्रद्रोही कहा जा रहा है। सोशल मीडिया पर तो प्रदर्शनकारियों को टुकड़े-टुकड़े गैंग का सदस्य बताया जा रहा है। जाहिर है जब देश के प्रधानमंत्री और गृहमंत्री इस शब्द का बार-बार जिक्र करेंगे तो उनके कार्यकर्ता, पदाधिकारी क्यों नहीं कहेंगे।

अब जबकि गृहमंत्रालय ने कह दिया है कि देश में किसी तरह के टुकड़े-टुकड़े गैंग की जानकारी उनके पास नहीं है तो फिर ये सवाल उठना लाजिमी है कि ये टुकड़े-टुकड़े गैंग किस राज्य में है और कहां है। है भी कि नहीं है। आखिर भाजपा को टुकड़े-टुकड़े गैंग किस राज्य में दिखाई पड़ा। क्या टुकड़े-टुकड़े गैंग सिर्फ एक परिकल्पना है या विरोधियों को बदनाम करने के लिए एक जुमला। सरकार भाजपा की ही है इसलिए उसे देश के ये बताना चाहिए कि उसने ये टुकड़े-टुकड़े गैंग कहां देखा? ताकि देश के सामने सारी स्थिति साफ हो सके।

चर्चा में कब आया था ‘टुकडे-टुकडे गैंग’

“टुकडे-टुकडे गैंग” एक शब्द है। इसका इस्तेमाल अक्सर दक्षिणपंथी दल (Right-Wing)  वाम (Left-Wing)  समर्थित समूहों और उनके समर्थकों पर हमला करने के लिए प्रयोग करती है।

मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम में कथित रूप से राष्ट्र विरोधी नारे लगाए जाने के बाद ‘टुकडे-टुकडे गैंग’ को गढ़ा गया था। उस समय JNU छात्र संघ के प्रमुख कन्हैया कुमार के खिलाफ एक राजद्रोह का मुकदमा दायर किया गया था, जिसने इस कार्यक्रम का आयोजन किया था।

पूर्व पत्रकार और कार्यकर्ता साकेत गोखले ने एक आरटीआई आवेदन दायर कर गृह मंत्रालय से पूछा था कि टुकड़े-टुकड़े गैंग कैसे और कब बना? इसके सदस्य कौन-कौन हैं? इसके जवाब में 20 जनवरी को गृह मंत्रालय ने कहा, ‘गृह मंत्रालय के पास टुकड़े-टुकड़े गैंग से संबंध कोई जानकारी नहीं है।’

गृहमंत्रालय के इस जवाब पर पत्रकार गोखले ने कहा है कि वे अब चुनाव आयोग में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ शिकायत करेंगे। उन्होंने ट्विटर पर लिखा है, ‘गृह मंत्री अमित शाह बताएं कि उन्होंने रैली में इस शब्द का इस्तेमाल क्यों किया या फिर वे जनता से झूठ बोलने और उन्हें गुमराह करने को लेकर सार्वजनिक तौर पर माफी मांगें।’

पिछले साल 26 दिसंबर को गोखले ने आरटीआई दायर कर पूछा था कि टुकड़े-टुकड़े गैंग कैसे और कब बना? इसके सदस्य कौन-कौन हैं? इसे यूएपीए (अनलॉफ़ुल एक्टिविटीज़ प्रिवेंशन एक्ट) के तहत प्रतिबंध क्यों नहीं किया गया?

साकेत गोखले ने कहा था कि उन्होंने ये सवाल पूरी गंभीरता से पूछे हैं और अगर तय अवधि के भीतर (26 जनवरी तक) उनको जवाब नहीं मिला तो वो मामले को मुख्य सूचना आयुक्त तक लेकर जाएंगे। हालांकि गृह मंत्रालय ने समयसीमा के भीतर जवाब दे दिया है और अब आधिकारिक तौर पर ये पुष्टि हो गई है कि गृह मंत्रालय के पास टुकड़े-टुकड़े गैंग से संबंधित जानकारी नहीं है।

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