जुबिली न्यूज डेस्क
पटना: केंद्र सरकार के जातिगत जनगणना कराने के ऐलान के बाद सियासत तेज हो गई है। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले इस फैसले ने राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया है। इस बीच बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव ने केंद्र और भाजपा पर हमला बोला है।

तेजस्वी ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “जातिगत जनगणना तो सिर्फ शुरुआत है, पिक्चर अभी बाकी है।”
तेजस्वी का मास्टरप्लान: आरक्षण को लेकर बड़े वादे
तेजस्वी यादव ने अपनी पोस्ट में आरक्षण और सामाजिक न्याय को लेकर अपना मास्टरप्लान भी साझा किया। उन्होंने लिखा कि पिछड़े, अति पिछड़े और वंचित तबकों के लिए उनकी सरकार ये कदम उठाएगी:
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पिछड़ों/अति पिछड़ों के लिए आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र
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निजी क्षेत्र में आरक्षण
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ठेकेदारी में आरक्षण
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न्यायपालिका में आरक्षण
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मंडल कमीशन की बाकी सिफारिशों को लागू करना
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आबादी के अनुपात में आरक्षण देना
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बिहार को विशेष राज्य का दर्जा
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बिहार के लिए विशेष पैकेज
तेजस्वी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, “ये लोग हमें गाली देंगे, लेकिन बाद में हमारे एजेंडे को मास्टर स्ट्रोक बताकर अपना लेंगे। कितने खोखले लोग हैं ये!”
चुनाव से पहले सियासी चाल?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि केंद्र सरकार का यह फैसला बिहार विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। विपक्ष इस कदम की टाइमिंग पर सवाल उठा रहा है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी कहा कि केंद्र सरकार ने यह निर्णय चुनाव से ठीक पहले राजनीतिक फायदे के लिए लिया है।
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बिहार में जातिगत जनगणना हमेशा से एक बड़ा मुद्दा रही है। ऐसे में इसका असर चुनावी समीकरणों पर पड़ेगा या नहीं, ये तो वक्त बताएगा, लेकिन तेजस्वी यादव ने साफ कर दिया है कि वो इसे चुनावी हथियार बनाने में पीछे नहीं हटेंगे।
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