Wednesday - 24 January 2024 - 4:36 PM

प्रियंका क्यों साइकिल-हाथी से आगे निकल गई ?

सैय्यद मोहम्मद अब्बास

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस लगातार बढ़ रहा है। इस वजह से योगी सरकार लॉकडाउन को और सख्ती से पालन करने की बात कह रही है। हालांकि योगी के कहने के बावजूद प्रवासी मजदूर पैदल चलने पर मजबूर है। दरअसल कई मजदूर ऐसे हैं जो सरकारी मदद से कोसों दूर है। ऐसे में प्रवासी मजदूरों के दर्द को लेकर यूपी की सियासत में एकाएक हलचल आ गई है। दरअसल कोरोना काल में सरकार लगातार अपनी पीठ थपथपाती नजर आ रही है लेकिन इस दौरान प्रवासी मजदूरों को लेकर कांग्रेस ने योगी सरकार को घेरा है।

प्रियंका के उत्तर प्रदेश में बढ़ती सक्रियता से योगी सरकार की नींद उड़ गई है। बसों पर शुरू हुई सियासत अब एकदम चरम पर है। आलम तो यह है कि कांग्रेस ने खासकर प्रियंका गांधी के बल पर यूपी में एक बार फिर अपनी दमदार मौजूदगी का एहसास भी करा डाला है। प्रियंका के बढ़ते कद से न सिर्फ बीजेपी टेंशन में बल्कि सपा-बसपा की भी मुश्किलें बढ़ गई है। प्रवासी मजदूरों के सहारे प्रियंका की पापुलर्टी पहले से ज्यादा बढ़ गई। इसके साथ ही कांग्रेस को भी सियासी बढ़त मिलती साफ दिख रही है।

कांग्रेस ने दिया था मजदूरों के लिए बसें चलाने का ऑफर

यह बात किसी से छुपी नहीं है कि यूपी में कांग्रेस न के बराबर है। हाल के चुनाव उसको बड़ी पराजय का सामना करना पड़ा लेकिन मौजूदा दौर में प्रियंका की मौजूदगी से कांग्रेस यहां पर अपनी खोई हुई जमीन को तलाश रही है। प्रियंका ने प्रवासी मजदूरों के दर्द को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला। इसका नतीजा यह रहा कि कई मामलों में योगी सरकार को उनकी बात माननी पड़ी है।

इस दौरान उन्होंने कोरोना काल में गरीबों की परेशानी को लेकर योगी सरकार को कई पत्र लिखे हैं। इस दौरान उन्होंने प्रवासी मजदूरों को लेकर कड़ा रूख अपनाते हुए योगी सरकार को घेरा। प्रवासी मजदूरों के दर्द पर उनके हमलावर रुख से बीजेपी भी परेशानी पड़ती नजर आ रही है। दूसरी ओर सपा-बसपा भी कांग्रेस इस दांव के आगे चित हो गई है। अगर साफ शब्दों में कहा जाये तो अब कांग्रेस को 2022 में होने वाले चुनाव में यूपी में सियासी बढ़त मिलती दिख रही है।

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कांग्रेस यूपी में खत्म हो गई थी लेकिन प्रियंका ने गरीब मजदूरों को घर तक पहुंचाने की रणनीति ने उसे दोबारा यहां पर जिंदा कर दिया है और इस दौरान साइकिल और हाथी काफी पीछे छूट गई है।

ऐसे पीछे रह गई सपा-बसपा

आमतौर पर लेट लतीफ रहने वाली कांग्रेस कोरोना काल में पहले से ज्यादा एक्टिव नजर आ रही है। इस दौरान उसने लगातार गरीबों को हो रही परेशानी को उठाया है। इतना ही नहीं प्रियंका गांधी ने कई बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से अपने कार्यकर्ताओं को लॉकडाउन के दौरान गरीबों को भोजन के इंतजाम कराने के लिए आदेश दिया।

 

इसके साथ ही समय-समय पर योगी को पत्र लिखकर गरीबों, मजदूरों व किसानों को हो रही परेशानी से अवगत कराया है और अपना सुझाव दिया है। कांग्रेस ने कम्युनिटी किचन शुरू किया और इस दौरान गरीबों को खाना मिलने लगा। कम्युनिटी किचन पर खुद प्रियंका गांधी की पैनी नजर रखी रही है। राजनीतिक के जानकारों की माने तो कोरोना काल में प्रियंका गांधी अन्य नेताओं की तुलना में सक्रिय नजर आई है। ऐसे में सपा-बसपा के लिए आगे राजनीति आसान नहीं होगी।

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यहां से शुरू हुआ था सारा मामला

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी लगातार प्रवासी मजदूरों को लेकर अपनी आवाज बुलंद कर रही है। इसी दौरान उन्होंने 16 मई को यूपी सरकार को एक प्रस्ताव भेजा था। प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर लिखा था कि हमारे कामगार भाई-बहन और उनके बच्चे संकट के दौर से गुजर रहे हैं। इस परिस्थिति का हवाला देते हुए प्रियंका ने प्रवासी श्रमिकों के लिए 1000 बसें भेजने के लिए प्रदेश सरकार से अनुमति मांगी थी।

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यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लखनऊ स्थित कार्यालय में प्रियंका गांधी का पत्र सौंपा था। इसके बाद लगातार कांग्रेस और योगी सरकार में घमासान देखने को मिल रहा है।

कांग्रेस की ओर से प्रवासी मजदूरों के लिए बसें देने के मामले में तब नया मोड आ गया है जब यूपी अध्यक्ष अजय लल्लू को पुलिस ने हिरासत में कल ले लिया गया था। इसके बाद बुधवार को यह मामला लगातार बढ़ता दिखा। दरअसल प्रियंका गांधी वाड्रा की भेजी बसों को यूपी सरकार ने एंट्री देने से मना कर दिया है और इस वजह से ये बसें राजस्थान लौट आई है।

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कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि राजस्थान बार्डर पर हमने 500 और 300 बसें यूपी बार्डर पर उपलब्ध कराईं। इनका इस्तेमाल होता तो अब तक 92 हजार लोग अपने घरों तक पहुँच गए होते।

कुल मिलाकर देखा जाये तो प्रियंका गांधी अब पहले से ज्यादा मजबूत नजर आ रही है। कोरोना काल में उन्होंने राजनीति को पूरी तरह से बदल दिया है। बीजेपी की राजनीति भी अब प्रियंका के आगे कमजोर पड़ती दिख रही है जबकि उन्होंने इस दौरान सपा-बसपा को भी पीछे छोड़ दिया है।

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