जुबिली न्यूज डेस्क
तेल अवीव/ ईरान और इजरायल के बीच जारी भीषण युद्ध में दोनों देशों को भारी नुकसान झेलना पड़ा है, लेकिन अब भी किसी पक्ष के पीछे हटने के संकेत नहीं दिख रहे। इसी बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू एक बयान को लेकर विवादों में घिर गए हैं। उन्होंने अपने बेटे की शादी टलने को युद्ध की ‘व्यक्तिगत कीमत’ बताया, जिसके बाद खुद इजरायली नागरिकों ने सोशल मीडिया पर नाराज़गी जाहिर की है।
ईरान ने सोरोका हॉस्पिटल पर किया हमला
दरअसल, कुछ दिन पहले ईरान ने इजरायल के सोरोका हॉस्पिटल पर मिसाइल हमला किया। इसके तुरंत बाद पीएम नेतन्याहू वहां स्थिति का जायज़ा लेने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने ब्रिटेन और जर्मनी के बीच द्वितीय विश्व युद्ध की तुलना करते हुए कहा:”द्वितीय विश्व युद्ध में जब जर्मनी ने ब्रिटेन पर हमला किया था, तब ब्रिटेनवासियों ने हौसला नहीं छोड़ा। हमें भी वैसा ही करना है। हर कोई युद्ध में कोई न कोई कीमत चुका रहा है — मेरा परिवार भी। मेरे बेटे की शादी टालनी पड़ी, यह भी युद्ध की व्यक्तिगत कीमत है।”
इजरायल के लोगों का गुस्सा फूटा
पीएम नेतन्याहू के इस बयान के बाद इजरायल के लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। कई लोगों ने आरोप लगाया कि जब आम नागरिक युद्ध में जान गंवा रहे हैं, घर उजड़ रहे हैं, तो पीएम अपनी बेटे की शादी को युद्ध की “कीमत” बताकर खुद को प्राथमिकता दे रहे हैं।
कुछ यूज़र्स ने यह भी दावा किया कि नेतन्याहू अपने बेटे की शादी के लिए छुट्टी लेने की योजना बना रहे हैं। हालांकि, इस दावे की अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
क्या अमेरिका शामिल होगा इस जंग में? ट्रंप लेंगे बड़ा फैसला
ईरान-इजरायल युद्ध में अब अमेरिका की एंट्री की भी अटकलें लग रही हैं। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अगले दो हफ्तों में इस पर फैसला लेंगे कि अमेरिका ईरान पर हमला करेगा या नहीं।
यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब इजरायल को सैन्य और रणनीतिक रूप से अमेरिका का साथ मिलना तय माना जा रहा है, लेकिन अमेरिका की सीधी भागीदारी को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है।
ये भी पढ़ें-UP Transfer भ्रष्टाचार पर भड़कीं मायावती, सीएम से की मांग
नेतन्याहू की छवि को झटका
बेंजामिन नेतन्याहू का बयान राजनीतिक और जनभावनात्मक रूप से विवादित माना जा रहा है। इसने उनके नेतृत्व की प्राथमिकताओं को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। वहीं, ईरान-इजरायल युद्ध अब अंतरराष्ट्रीय मोड़ पर पहुंच रहा है, जहां अमेरिका का संभावित हस्तक्षेप इस संघर्ष को और भी गंभीर बना सकता है।