जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. पाकिस्तान में पिछले कुछ समय में आतंकियों के खिलाफ लगातार जारी कार्रवाई से अंतर्राष्ट्रीय माफिया डॉन दाउद इब्राहीम के माथे पर पसीना आ गया है. पाकिस्तान पर फाइनेंशियल टास्क फ़ोर्स का दबाव बढ़ने के बाद इमरान खान की सरकार ने टेरर फंडिंग के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है तो दाउद इब्राहीम भी समझ गया है कि पाकिस्तान में उसके सुकून के दिन कभी भी खत्म हो सकते हैं.
यही वजह है कि उसने वक्त रहते अपने परिवार के ख़ास सदस्यों को पाकिस्तान से बाहर शिफ्ट कर दिया है. सूत्र बताते हैं कि दाउद ने अपने बेटे और दो भतीजों को पाकिस्तान से बाहर शिफ्ट किया है.

दबाव में आयी पाकिस्तान सरकार ने जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर और मुम्बई हमले के मास्टरमाइंड ज़की-उर-रहमान लखवी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है.
एक समाचार एजेंसी के मुताबिक़ दाउद का छोटा भाई मुस्तकीम अली कासकर दुबई में रहता है. वह यूएई, क़तर और बहरीन में दाउद का बिजनेस देखता है. मुस्तकीम की खुद की भी एक बड़ी गारमेंट फैक्ट्री है. बताया जाता है दाउद ने अपने परिवार के जिन लोगों को पाकिस्तान से शिफ्ट किया है उनकी ज़िम्मेदारी भी मुस्तकीम को ही सौंपी गई है.
दाउद फिलहाल कराची में है. उसकी बेटी माहरुख अपने ससुर पूर्व क्रिकेटर जावेद मियांदाद के घर पर पति जुनैद के साथ है. दाउद यह बात जानता है कि जावेद मियांदाद की बहू पर पाकिस्तान में कोई कार्रवाई संभव नहीं है लेकिन अगर सरकार दाउद पर शिकंजा कसती है तो बेहतर होगा कि माहरुख भी पाकिस्तान से बाहर चली जाए. इसलिए दाउद ने अपनी बेटी के लिए पुर्तगाल का पासपोर्ट बनवा दिया है.
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इमरान सरकार फिलहाल आतंकी संगठनों के खिलाफ तेज़ी से कार्रवाई में लगी है. दाउद के खिलाफ पाकिस्तान सरकार कार्रवाई नहीं करेगी यह बात दाउद जानता है क्योंकि भारत के खिलाफ दाउद ही पाकिस्तान का सबसे भरोसेमंद मोहरा है. लेकिन जिस तरह से पाकिस्तान में ताकतवर माने जाने वाले मसूद अज़हर और ज़की-उर-रहमान लखवी को इमरान सरकार ने जेल भेजा उसके बाद दाऊद अपने बच्चो को लेकर किसी भी तरह का रिस्क लेने के पक्ष में नहीं है.
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