जुबिली स्पेशल डेस्क
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान को लेकर बड़ी जानकारी सामने आ रही है। दरअसल वो इस वक्त पूरी तरह से खामोश है और एनडीए में रहेंगे या नहीं, इसको लेकर बिहार में चर्चा जोरो पर हो रही है।
इतना ही नहीं 2 मार्च को औरंगाबाद और बेगूसराय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा में नजर नहीं आये थे। ऐसे में माना जा रहा है कि वो अपने दूसरे विकल्प तलाशने में लग गए है।
कहा तो ये भी जा रहा है कि वो बेतिया में होने वाली जनसभा में नजर नहीं आयेंगे। चिराग पासवान पीएम मोदी की रैली से क्यों दूरी बना रहे हैं, ये एक बड़ा सवाल है। लोकसभा चुनाव को लेकर सीट शेयरिंग पर अभी तक एनडीए में तस्वीर साफ नहीं हो पायी है। माना जा रहा है कि चिराग पासवान इस बार ज्यादा सीट चाहते हैं।
बताया जा रहा है कि चिराग पासवान अब लोकसभा चुनाव 2019 के फार्मूले पर ही 6 सीटों की चाहत रखते हैं और बीजेपी से उन्होंने साफ कह दिया है कि वो हर हाल में छह सीट चाहते हैं।
2006 में उनकी पार्टी टूटी नहीं थी और छह में जीत मिली थी लेकिन बाद में चाचा पशुपति पारस अब उनसे अलग हो गए है और वो अलग-थलग पउ़ गए है। इन हालातों में चिराग पासवन पूरी तरह से कमजोर पड़ चुके हैं और उनके चाचा बीजेपी के बेहद करीब बताया जा रहे हैं। इस वजह से चिराग पासवन को शायद दो सीट मिल जाये तो बड़ी बात होगी।
चिराग पासवान हाजीपुर सीट को भी लेकर अड़े हुए हैं जबकि शुपति पारस एक बार फिर इस सीट से चुनाव लडऩे का मन बना चुके हैं। इस वजह से रार देखने को मिल रही है।
अब ये देखना होगा कि चिराग पासवन अगला कदम क्या उठाते हैं। माना जा रहा है कि अगर बात नहीं बनी तो वो बीजेपी के खिलाफ तो नहीं लेकिन जेडीयू के खिलाफ अपने उम्मीदवार उतारकर नीतीश कुमार को एक बार फिर नुकसान पहुंचा सकते हैं।
Jubilee Post | जुबिली पोस्ट News & Information Portal
